राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपने पैर पसार रहा JDU, कर्नाटक के बाद मिजोरम व राजस्‍थान में भी होगा सक्रिय

पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाजवादी आंदोलन से जुड़े मुद्दों को लेकर पार्टी के विस्तार के लिए कई राज्यों का दौरा करेंगे। शुरुआत 30 मई को राजस्थान के बासवाड़ा से होगी। फिर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बारी आएगी। नीतीश कुमार की सभा के लिए इन राज्यों में ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए जा रहे हैं जो समाजवादी आंदोलन के गवाह रहे हैं। नागालैंड और कर्नाटक के बाद जदयू अब इस वर्ष इन तीन राज्यों में भी विधानसभा चुनाव लड़ेगा। लक्ष्यद्वीप और मणिपुर में पार्टी लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगी।

नीतीश कुमार बासवाड़ा में प्रसिद्ध समाजवादी नेता स्वर्गीय मामा बालेश्वर दयाल से जुड़े समाजवादियों के बीच सभा करेंगे। मामा बालेश्वर दयाल ने आदिवासियों के हक के लिए आंदोलन चलाया था और उनका कार्यक्षेत्र बासवाड़ा से लेकर मध्य प्रदेश के रतलाम एवं झभुआ तक रहा है। वे 1978 में जनता पार्टी से राज्यसभा सदस्य भी थे। पिछले दिनों उनकी पुण्यतिथि पर मध्य प्रदेश के पबनिया गांव में आयोजित कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने पार्टी के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी को वहां भेजा था। वहां सामने लगे दूसरे मंच पर शरद यादव मौजूद थे।

बासवाड़ा में सभा की तैयारी के लिए त्यागी वहां 25 मई से ही कैंप करेंगे। इससे पूर्व त्यागी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरिवंश नारायण सिंह के साथ 19-20 मई को मणिपुर का दौरा करेंगे। पिछले सप्ताह राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने लक्ष्यद्वीप का दौरा किया था। जदयू के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि लक्ष्यद्वीप में एक और मणिपुर में दो लोकसभा सीटें हैं। लक्ष्यद्वीप में तो पार्टी ने अपना प्रत्याशी भी चुन लिया है। डा. अब्दुल्लाह वहां से चुनाव लड़ेंगे।

लक्ष्यद्वीप से कांग्रेस के पीएम सईद 1967 से लगातार चुनाव जीतते रहे थे। परन्तु 2004 में उन्हें जदयू के डा. पी पूकुनीकोया ने पराजित किया था। वहीं मणिपुर में 1952 और 1962 में समाजवादी बैकग्राउंड के रिशांग केशिंग लोकसभा के सदस्य रहे हैं जबकि 1990 में जनता दल के बीडी बेहरिंग राज्यसभा चुनाव जीते। हालांकि तुरंत ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। कुछ दिनों बाद हुए राज्यसभा के उपचुनाव में भी जदयू के डब्लू कुलाबिंदू सिंह की जीत हुई।

पार्टी के इस वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि दरअसल, समाजवादी आंदोलन से जुड़े नेताओं के कमजोर होने के कारण बड़ा ‘वैक्यूम’ हुआ है जिसकी भरपाई नीतीश कुमार करना चाहते हैं। अपनी समाजवादी पहचान लेकर वह विभिन्न राज्यों में जदयू का स्थापित करने की मंशा रखते हैं। साथ ही लोकसभा में जदयू सदस्यों की संख्या बढ़ाने के मद्देनजर लक्ष्यद्वीप एवं मणिपुर लोकसभा चुनाव लडऩे का फैसला लिया गया है।

केसी त्यागी ने कहा कि तीनों राज्यों में हम उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जहां हमारा संगठन सक्रिय होगा और जो समाजवादी आंदोलन का असर देख चुका होगा। समाजवादी आंदोलन और किसान आंदोलन के मुद्दे लेकर हम इन क्षेत्रों में जाएंगे। उन्होंने कहा कि रतलाम और झभुआ से नीतीश कुमार पहले से परिचित हैं। जब वह रेल मंत्री थे तब उन्होंने उस क्षेत्र के लिए कई काम किए थे।

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