नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘समुद्री रास्ते से भी हमला कर सकते है आतंकी’

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा है कि पाकिस्तान में पनप रहे आतंकियों को समुद्री रास्ते से भी हमला करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. एडमिरल सुनील लांबा ने कहा, ‘ 3 सप्ताह पहले हमने जम्मू-कश्मीर में चरमपंथियों द्वारा किए गए भयावह हमले झेला है. इस हमले का उद्देश्य भारत को अस्थिर करना था और इस हमले को करने में एक देश (पाकिस्तान) ने आतंकियों की मदद की’

समुद्री सीमा की चौकसी को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे पास कई ऐसी रिपोर्ट्स हैं जिनसे पता चलता है कि आतंकियों को कई तरीकों से ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें समुद्री हमले भी शामिल हैं.

एडमिरल लांबा ने आगे कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र ने हाल के वर्षों में कई तरह के आतंकी हमलों को झेला है, वहीं दुनिया के इस हिस्से के कुछ देशों को इसका बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है. हाल के समय में आतंकवाद ने वैश्विक रूप अपना लिया है, जिसने इस खतरे के दायरे को और बढ़ा दिया है.’

26/11 हमला: देश किसी भी जोखिम के लिए पहले से बेहतर तरीके से तैयार: नौसेना प्रमुख
25 नवंबर 2018 को मुंबई हमले की बरसी से पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा था कि 10 वर्ष पहले आतंकवादियों के एक समूह द्वारा समुद्र के रास्ते आकर मुंबई में हमला करने के बाद अब भारत बेहतर तरीके से तैयार और बेहतर रूप से समन्वित है. इसके लिए बहुस्तरीय समुद्री निगरानी सहित विभिन्न सुरक्षा उपाय किये गए हैं. एडमिरल लांबा ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की 10वीं बरसी की पूर्वसंध्या पर साउथ ब्लाक स्थित अपने कार्यालय में एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम उसके बाद काफी आगे आ गए हैं. ’’

नौसेना प्रमुख ने कहा था कि तटीय सुरक्षा के मामले में प्रतिमान बदलाव हुए हैं क्योंकि जोखिम वाले स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई गयी है और बहुस्तरीय समुद्री निगरानी और सुरक्षा ढांचा लागू किया गया है जिससे समुद्री तट लगभग अभेद्य बन गया है. भारत पर उसी तरह के हमले के लिए आतंकवादियों द्वारा समुद्री रास्ते का इस्तेमाल करने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर एडमिरल लांबा ने कहा, ‘‘देश अब बेहतर तरह से तैयार और बेहतर तरह से समन्वित है. ’’

उन्होंने कहा था कि भारतीय नौसेना अब शक्तिशाली बहु-आयामी बल है जो समुद्र में भारत के हितों की रक्षा कर रही है और वह समुद्री क्षेत्र में देश के सामने उत्पन्न होने वाले किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है. उल्लेखनीय है कि 26 नवम्बर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादी कराची से समुद्र के रास्ते नाव से मुम्बई में प्रवेश किया था.

इन आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनस, ताजमहल होटल, ट्राइडेंट होटल और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया. ये सभी देश की वित्तीय राजधानी मुम्बई के प्रमुख स्थल हैं. करीब 60 घंटे चले इस हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें 28 विदेशी नागरिक शामिल थे. इस हमले से पूरे देश को झकझोर दिया था और भारत और पाकिस्तान युद्ध की कगार पर आ गए थे.

यह भारत के इतिहास का सर्वाधिक भीषण आतंकवादी हमला था. इसे देश की संप्रभुता पर एक हमले के तौर पर देखा गया और इससे समुद्री सुरक्षा तंत्र, गुप्तचर सूचनाएं इकट्ठा करने के तरीके में खामियां उजागर हुईं. इसके अलावा हमले से विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी भी सामने आयी.

चीफ्स आफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन एडमिरल लांबा ने कहा कि देश के तटीय आधाभूत ढांचे में कमियों और जोखिमों को दूर कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि एक मजबूत निगरानी तंत्र लागू किया गया है जिसमें 42 राडार स्टेशन हैं, जिन्हें गुरूग्राम मुख्यालय वाले एक नियंत्रण केंद्र से जोड़ा गया है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com