‘विश्व संसद’ ही आतंकवाद से निराकरण का एकमात्र विकल्प – डा. जगदीश गांधी

विश्व संसद के गठन हेतु अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डा. जगदीश गांधी ने लिखा पत्र

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. जगदीश गाँधी ने आज यहाँ सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद समेत अन्य वैश्विक समस्याओं जैसे अशिक्षा, गरीबी, भुखमरी, जलवायु परिवर्तन आदि का एकमात्र समाधान ‘विश्व संसद’ का गठन है। डा. गाँधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भेजे गये पत्र के संदर्भ में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि मैंने विश्व के ढाई अरब बच्चों एवं आगे आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित व खुशहाल भविष्य हेतु अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र भेजकर वैश्विक लोकतन्त्र अर्थात विश्व संसद के अविलम्ब गठन का आह्वान किया है और अपील की है कि अपने चुनाव अभियान के समय उन्होंने विश्व एकता और विश्व शान्ति के जो वायदे किये थे उसे पूरा करें। डा. गाँधी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 दिसम्बर 2015 को अमेरिकी मतदाताओं को सम्बोधित करते हुए लास बेगास (अमेरिका) में कहा था कि ‘‘मैं दुनिया में एकता और शांति स्थापित करूँगा’’। इसके अलावा, उन्होंने पोप से वेटिकन में वायदा किया था कि ‘‘मैं विश्व में शान्ति स्थापित करने के लिए अब और भी अधिक दृढ़ संकल्पित हूँ’’।

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि दुनिया में एकता व शान्ति स्थापना हेतु यह सर्वश्रेष्ठ समय है। अभी नहीं तो कभी नहीं। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि विश्व व्यवस्था में आज चारों तरफ अराजकता का वातावरण है। यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की है कि वे उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए विश्व के सभी प्रभुसत्ता सम्पन्न राष्ट्रों की बैठक बुलाकर एक वैश्विक लोकतंत्र (विश्व संसद) की स्थापना करें। डा. गाँधी ने कहा कि विश्व व्यवस्था का नेतृत्व करने के अमेरिका के इरादे जगजाहिर हैं, तो फिर यह उसी की सर्वप्रथम जिम्मेदारी है कि दुनिया में शान्ति स्थापना हेतु कदम उठाये।

डॉ. गाँधी ने आगे कहा कि अमेरिका के पिछले तीन राष्ट्रपतियों ने पूर्णतया विश्व शान्ति के सफल प्रयास किये थे। सर्वप्रथम, अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 1919 मंे 42 राष्ट्रों की मीटिंग बुलाकर लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की जिससे कि प्रथम महायुद्ध समाप्त हुआ। द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूज्ीवैल्ट ने 1945 में 51 राष्ट्रों की मीटिंग बुलाकर यूनाइटेड नेशन्स की स्थापना की जिससे कि द्वितीय विश्व महायुद्ध रूका तथा तृतीय, अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन के प्रयासों से 28 देशों की यूरोपियन यूनियन व यूरोपियन पार्लियामेन्ट बनी जिससे यूरोपियन युद्ध रूक गया तथा यूरोप का आर्थिक विकास सम्भव हो पाया। अब समय आ गया है कि अमेरिका का एक और राष्ट्रपति विश्व में एकता व शान्ति प्रयासों का वाहक बने और दुनिया में अमन-चैन कायम करे।

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