राष्ट्रपति ने 2 जवानों को कीर्ति चक्र और 15 को शौर्य चक्र प्रदान किए

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सशस्त्र बलों के जवानों को विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति अत्यधिक समर्पण प्रदर्शित करने के लिए दो को मरणोपरांत कीर्ति चक्र, 15 शौर्य चक्र (दो मरणोपरांत), 13 को परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), दो को उत्तम युद्ध मेडल और 26 को अति विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किए। राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल से इतर मरणोपरांत कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र जवानों के परिजनों को स्वयं उनके पास जाकर दिए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में सैन्य अधिकारी और जवानों को सम्मानित किया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कांस्टेबल प्रदीप कुमार पांडा और भारतीय सेना के सिपाही सोवर विजय कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया गया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान असाधारण बहादुरी और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए दोनों ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। जम्मू-कश्मीर में 30 अक्टूबर, 2017 को आतंकवादियों के हमले में सीआरपीएफ के कांस्टेबल प्रदीप कुमार पांडा को दुश्मन का मुकाबला करने के अलावा असाधारण वीरता के लिए कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) दिया गया।
यह पुरस्कार प्रदीप कुमार पांडा की पत्नी मीना ने प्राप्त किया। जम्मू और कश्मीर में दो अगस्त, 2018 को आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों के दौरान वीरता प्रदर्शित करने के लिए भारतीय सेना के सिपाही सोहर विजय कुमार को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) प्रदान किया। यह पुरस्कार विजय कुमार की पत्नी मेनिका देवी ने प्राप्त किया। राष्ट्रपति ने असम राइफल के राइफलमैन जयप्रकाश ओरॉन को (मरणोपरांत) शौर्य चक्र प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनकी पत्नी संगीता ओरॉन ने प्राप्त किया। 15 नवंबर, 2017 को मणिपुर में आतंकवादी हमले में अतुलनीय साहस प्रदर्शन करते हुए शहीद हुए थे। राष्ट्रीय राइफल के सिपाही अजय कुमार (मरणोपरांत) को 24 अप्रैल, 2018 को जम्मू-कश्मीर में एक अभियान के दौरान शहीद होने पर शौर्य चक्र प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनके माता-पिता कमला देवी और सुरेश कुमार ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर के निवासी इरफान रमजान शेख को 2017 में उनके घर पर तीन आतंकवादियों के हमले के दौरान बहादुरी के लिए शौर्य चक्र पुरस्कार प्रदान किया। उस समय इरफान मात्र 14 साल के थे।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट को जम्मू-कश्मीर में उनके अधीन किए गए सफल आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए उत्तम युद्ध सेवा मेडल दिया गया। इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल गोपाल आर को भी उत्तम युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। जयप्रकाश ऑरोन (मरणोपरांत), सिपाही अजय कुमार (मरणोपरांत), सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट कुलदीप सिंह चाहार, जाट रेजीमेंट के मेजर पवन कुमार, इरफान रमजान शेख, राइफलमैन रठवा लिलेश भाई, नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया, सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट जिले सिंह, हवलदार जावेद अहमद भट्ट, हवलदार कुल बहादुर थापा, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्जुन शर्मा, कैप्टन अभय शर्मा, मेजर इमलीकुम कीत्जर, मेजर रोहित लिंगवाल, लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रांत परासर। अति असाधरण कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) 13 लोगों को दिया गया। अति विशिष्ट सेवा मेडल 26 लोगों को दिया गया।

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