बोइंग 737 मैक्स विमान के इंजन में आई खराबी, पायलटों ने की सुरक्षित आपातकाल लैंडिंग

साउथवेस्ट एयरलाइन के बोइंग 737 मैक्स विमान के इंजन में खराबी का पता चलते ही पायलटों ने फ्लोरिडा के ओरलैंडो में सुरक्षित आपातकाल लैंडिंग की है। इस बात की जानकारी अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने दी है। क्रू ने ओरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरने के बाद आपातकाल घोषित करते हुए वापस हवाईअड्डे पर सुरक्षित लैंडिंग की।

इस विमान में कोई यात्री मौजूद नहीं था। दुनियाभर में बोइंग विमानों पर लगे प्रतिबंध के बाद इन विमानों को विक्टरवैली और कैलिफोर्निया में संग्रहित करने के लिए उतारा जा रहा है। 

बोइंग के इन्हीं विमानों से बीते पांच महीने में दो बड़े हादसे हुए हैं। इससे पहले हादसा बीते साल अक्तूबर में इंडोनेशिया में हुआ था। इस दुर्घटना में 189 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं विमान से दूसरा हादसा इथोपिया में इसी साल 10 मार्च को हुआ। जिससे विमान में मौजूद सभी 157 लोगों की मौत हो गई। मार्च वाली घटना के बाद से दुनियाभर में बोइंग के नए विमानों की सेवाएं बंद कर दी गईं। अमेरिका में 13 मार्च को इनपर प्रतिबंध लगाया गया।

हालांकि अमेरिकी एयरलाइन ने इन विमाननों को उड़ाने की अनुमति दी हुई है, लेकिन बिना यात्रियों के। एफएए का कहना है कि वह जांच कर रहा है लेकिन ये आपातकाल लैंडिंग सॉफ्टवेयर से संबंधित नहीं थी। वही सॉफ्टवेयर जिसे इंडोनेशिया और इथोपिया में हुई विमान दुर्घटना के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

हवाई अड्डे की प्रवक्ता कैरोलिन फेनेल का कहना है कि एयरपोर्ट के तीन रनवे में से एक को लैंडिंग के बाद की सफाई के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपातकाल लैंडिंग के बाद उसके मलबे की जांच करना प्रक्रिया का हिस्सा है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं था कि विमान का कोई भाग गिरा है।

एयरलाइन का कहना है कि कैलिफोर्निया के लिए उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही पायलटों ने इंजन में दिक्कत को लेकर शिकायत की।
बता दें हाल ही में बोइंग के इस विमान को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक विदेशी अखबार के मुताबिक दो विमान निर्माता कंपनियों बोइंग और एयरबस के बीच भारी प्रतिस्पर्धा चल रही थी। इसी कारण बोइंग 737 मैक्स का विकास प्रतिस्पर्धा के दबाव में बेहद जल्दबाजी में किया गया।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 में बोइंग के सबसे बड़े ग्राहक अमेरिकन एयरलाइंस ने उसके प्रतिद्वंद्वी एयरबस को सैकड़ों नए फ्यूल एफिशिएंट विमानों का ऑर्डर देने की तैयारी की। इससे बोइंग को बड़ा झटका लगा।

अमेरिकन एयरलाइंस के चीफ एग्जिक्युटिव गेरार्ड आर्पे ने बोइंग के वरिष्ठ अधिकारी डब्ल्यू जेम्स मैकनेर्ने से कहा कि अगर बोइंग कारोबार करना चाहता है तो उसे आक्रामक होकर आगे बढ़ना होगा। लेकिन बाद में बोइंग ने अमेरिकन एयरलाइन को मना लिया।

वहीं एक नए पैसेंजर प्लेन को विकसित करने का विचार भी त्याग दिया। जिसे विकसित होने में एक दशक का समय लगता। इसके अलावा एयरलाइन ने बोइंग को 737 मैक्स को अपडेट करने को कहा। जिसके करीब छह माह बाद 737 मैक्स विमान अस्तित्व में आया।

इथोपिया हादसे के बाद दुनियाभर के देशों ने अपने यहां बोइंग की सेवाओं पर रोक लगा दी। इससे बोइंग को बड़ा झटका लगा। पहले उसका समर्थन अमेरिकी एयरलाइन कर रही थी लेकिन बाद में उसने भी अपने बोइंग विमानों को ग्राउंड कर दिया।

इससे कंपनी की प्रतिष्ठा और मुनाफा दोनों खतरे में पड़ गए। अब जांचकर्ता इसी बात की खोजबीन कर रहे हैं कि क्या मैक्स विमान की डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और सर्टिफिकेशन की जल्दबाजी ही तो दुर्घटना का कारण नहीं है। 

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों ने पहचान ना बताने की शर्त पर कहा कि 737 मैक्स 8 को तैयार करने का काम बेहद उन्मादित ढंग से किया गया था। 

एफएए के तकनीकी विशेषज्ञों ने अखबार को बताया कि 737 मैक्स की एजेंसी के प्रमाणन के लिए, प्रबंधकों ने उन्हें प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा था। इसके पीछे का कारण था कि मैक्स विमान का विकास अपने प्रतिद्वंद्वी विमान एयरबस के ए32निओ से नौ महीने पीछे था।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com