चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से, बनेंगे कई शुभ योग

शक्ति उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। इस बार चैत्र नवरात्र पूरे नौ दिन का रहेगा, यानी तिथियों का क्षय इस बार नहीं होगा। इसके साथ ही इस नवरात्र में कई शुभ योग भी बन रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्र में कार्यसिद्धि, अर्थसिद्धि, पद-प्रतिष्ठा के लिए देवी मंदिरों में विशेष अनुष्ठान कराये जायेंगे। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। ज्योतिषाचार्य पंडित भरत दुबे के अनुसार नवरात्रि शनिवार को शुरू होने के कारण मां भगवती अश्व पर सवार होकर आयेंगी। इस दौरान चैत्र नवरात्र में पांच सर्वार्थ सिद्धि, दो रवि योग और रवि पुष्य योग का संयोग बन रहा है।

श्रीमद् देवी भागवत व देवी ग्रंथों के अनुसार इस तरह के संयोग कम ही बनते हैं। इसलिए यह नवरात्र देवी साधकों के लिए खास रहेगी। इसके अलावा नवरात्रि में पुष्य नक्षत्र का भी सहयोग बनेगा। सबसे खास बात तो यह है नवरात्रि और नव संवत्सर की शुरुआत रेवती नक्षत्र से हो रही है, अगर नक्षत्र सिद्धांत की दृष्टि से देखें तो रेवती नक्षत्र का स्वामी पूषा है जो ऋग्वेद के अन्य देवताओं में से एक है। इसलिए नवरात्रि तंत्र मंत्र यंत्र सिद्धि के लिये विशेष मानी जा रही है। इसमें धन प्राप्ति के लिए किए जाने वाले उपाय बेहद कारगर और अनंत सिद्धिदायक होंगे।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना का अभीष्ट फल देने वाला मुहूर्त 6 अप्रैल को मध्यान्ह 11:36 से 12:24 तक रहेगा। इसके अलावा प्रात:काल में सुबह 7:33 से 9:07 तक शुभ का चौघडिय़ा मुहूर्त रहेगा। इस दौरान भी कलश स्थापना कर सकते हैं। प्रतिपदा तिथि दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। इन शुभ योगों के चलते नवदुर्गा की अराधना करना विशेष पुण्यदायक रहेगा। स्मार्त मत के अनुसार अष्टमी और नवमी 13 अप्रैल को रहेगी। इस दिन सुबह 11.41 बजे तक अष्टमी है। इसके बाद नवमी शुरू हो जायेगी। इस मत में मध्यान्ह व्यापिनी नवमी को राम नवमी मानते हैं। 14 अप्रैल को सुबह 9.35 बजे तक नवमी तिथि होगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com