अमेरिकी सीमा पर बच्चों को माता-पिता से अलग करने का कानून ट्रंप प्रशासन खत्म कर चुका है। कानून खत्म करते समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि बिछड़े बच्चों को उनके माता-पिता से मिला दिया जाएगा।अमेरिकी सीमा पर बच्चों को माता-पिता से अलग करने का कानून ट्रंप प्रशासन खत्म कर चुका है। कानून खत्म करते समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि बिछड़े बच्चों को उनके माता-पिता से मिला दिया जाएगा।  लेकिन, ऐसा अब तक नहीं हुआ है। इससे हिरासत केंद्रों पर अफरा-तफरी का माहौल है। ऐसा ही एक हिरासत केंद्र कैलिफोर्निया के ओटे मेसा में है।  मैक्सिको के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका आने पर सैकड़ों लोगों को यहां रखा गया है। उनसे उनके बच्चे अलग कर दिए गए हैं। हिरासत केंद्र के भीतर से कई महिलाओं की चीख एक साथ सुनाई दे रही है, "मेरा बच्चा कहां है?  हम अपना बच्चा चाहते हैं। क्या आपको मेरी आवाज सुनाई दे रही है?" हिरासत केंद्र के बाहर लगभग पांच सौ लोग धर्मगुरुओं के नेतृत्व में प्रदर्शन करने आए हैं।  वे लोग नारेबाजी कर रहे हैं, "यह शर्मनाक है। आव्रजन और सीमा शुल्क नियम खत्म करो।" हिरासत में लिए गए लोगों से वे कह रहे हैं कि तुम लोग अकेले नहीं हो।  24 साल की एरिका लेयवा इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लॉस एंजिलिस से यहां आई हुई हैं। वह कहती हैं कि मुझे मालूम है कि इन परिवारों पर क्या बीत रही होगी?  पांच साल, 10 साल के बच्चों पर इसका क्या असर पड़ता होगा? एरिका कहती हैं कि हालांकि, मेरा जन्म अमेरिका में ही हुआ है।  लेकिन, मुझे भी कुछ दिनों के लिए दस्तावेजों के अभाव में माता-पिता के साथ हिरासत केंद्र में रहना पड़ा था। मुझे अब तक याद है कि सलाखों के पीछे रहना कैसा होता है।  केंद्र में क्षमता से अधिक लोग  ओटे मेसा हिरासत केंद्र का प्रबंधन एक निजी कंपनी करती है। इसकी क्षमता 1,500 लोगों की है। हालांकि, स्थानीय मीडिया के अनुसार, इसी साल जनवरी में इसने कहा था कि यहां क्षमता से 30 फीसद अधिक लोगों को रखना पड़ रहा है।

लेकिन, ऐसा अब तक नहीं हुआ है। इससे हिरासत केंद्रों पर अफरा-तफरी का माहौल है। ऐसा ही एक हिरासत केंद्र कैलिफोर्निया के ओटे मेसा में है।

मैक्सिको के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका आने पर सैकड़ों लोगों को यहां रखा गया है। उनसे उनके बच्चे अलग कर दिए गए हैं। हिरासत केंद्र के भीतर से कई महिलाओं की चीख एक साथ सुनाई दे रही है, “मेरा बच्चा कहां है?

हम अपना बच्चा चाहते हैं। क्या आपको मेरी आवाज सुनाई दे रही है?” हिरासत केंद्र के बाहर लगभग पांच सौ लोग धर्मगुरुओं के नेतृत्व में प्रदर्शन करने आए हैं।

वे लोग नारेबाजी कर रहे हैं, “यह शर्मनाक है। आव्रजन और सीमा शुल्क नियम खत्म करो।” हिरासत में लिए गए लोगों से वे कह रहे हैं कि तुम लोग अकेले नहीं हो।

24 साल की एरिका लेयवा इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लॉस एंजिलिस से यहां आई हुई हैं। वह कहती हैं कि मुझे मालूम है कि इन परिवारों पर क्या बीत रही होगी?

पांच साल, 10 साल के बच्चों पर इसका क्या असर पड़ता होगा? एरिका कहती हैं कि हालांकि, मेरा जन्म अमेरिका में ही हुआ है।

लेकिन, मुझे भी कुछ दिनों के लिए दस्तावेजों के अभाव में माता-पिता के साथ हिरासत केंद्र में रहना पड़ा था। मुझे अब तक याद है कि सलाखों के पीछे रहना कैसा होता है।

केंद्र में क्षमता से अधिक लोग

ओटे मेसा हिरासत केंद्र का प्रबंधन एक निजी कंपनी करती है। इसकी क्षमता 1,500 लोगों की है। हालांकि, स्थानीय मीडिया के अनुसार, इसी साल जनवरी में इसने कहा था कि यहां क्षमता से 30 फीसद अधिक लोगों को रखना पड़ रहा है।