भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हंसराज हंस सोमवार को माथा टेकने श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे…

दिल्ली उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हंसराज हंस सोमवार को माथा टेकने श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे। उन्होंने अपनी जीत पर शुकराना अदा किया। हंस ने कहा कि देश को मोदी जैसा नेता मिला है। यह सभी के लिए गौरव की बात है।

पंजाब में भाजपा की स्थिति पर हंस ने कहा कि यह चिंतन का विषय है। राहुल गांधी पर उन्होंने कहा कि अब चुनाव खत्म हो चुका है। विरोधी भी अपने हैं। इससे पहले उन्होंने भाजपा कार्यालय पहुंचकर शहीद हरबंस लाल खन्ना के बूथ पर फूल मालाएं अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की। इसके बाद उन्होंने भाजपा प्रधान से भी मुलाकात की।

हंसराज हंस 10 दिसंबर 2016 को भाजपा में शामिल हुए थे। पंजाब में उन्हें स्वच्छ छवि वाले दलित चेहरे के रूप में भी देखा जा रहा है। दोआबा की दलित राजनीति में खासी पैठ रखने वाले हंस पहले अकाली दल व कांग्रेस में भी रहे हैैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में जालंधर सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने 3,71,658 वोट हासिल किए थे। इस बार लोकसभा चुनाव में दिल्ली में शानदार जीत हासिल करने वाले हंस अब पंजाब की राजनीति में भी सक्रिय हो सकते हैं। हंस के रूप में भाजपा को एक मजबूत दलित चेहरा मिला है।

पीएम ने खुद फोन कर की थी टिकट की पेशकश

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हंस को टिकट की पेशकश की थी। इससे पूर्व करीब दो वर्ष लगातार हंस ने इस हलके में ही नहीं बल्कि दिल्ली में कई रैलियां व जनसभाएं करवाकर पार्टी में अपनी बेहतर स्थिति बना ली थी। जिसके चलते पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा था।

सूफी गायक से लेकर तय किया राजनीति का सफर

हंस ने गायकी से राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक बार तो उन्होंने राजनीति से तौबा करने का फैसला कर लिया था। 2001 में पंजाब की गठबंधन सरकार ने हंस को ‘राज गायक’ की उपाधि से नवाजा। इसके अगले वर्ष ही पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने गठबंधन के पक्ष में प्रचार किया।

वर्ष 2009 में सक्रिय राजनीति की शुरुआत करने वाले हंस ने शिरोमणि अकाली दल से जालंधर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा। अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मोहिंदर सिंह केपी को उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी। इसके बाद शिअद में खुद को उपेक्षित महसूस करते हुए हंस ने 2014 में कांग्रेस का दामन थाम लिया। यहां भी उनकी पारी दो वर्ष की रही। पार्टी से खफा होकर 2016 में हंस भाजपा में शामिल हो गए।

हंसराज के इन गानों पर आज भी झूम जाते हैं लोग

पंजाबी सूफी गायक हंसराज का जन्म 30 नवंबर 1953 को पंजाब के जालंधर जिले के शफीपुर गांव में हुआ था। हंसराज 1983 से ही लगातार म्यूजिक इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। इस इंडस्ट्री को उन्होंने कई ऐसे सुपरहिट गाने दिए हैं जो आज भी काफी फेमस हैं। जैसे, दिल चोरी साडा हो गया, टोटे-टोटे हो गया, ये जो सिली-सिली हवा, अल्लाह हू, तेरे बिन नई जीना मर जाना, छम-छम रोएं अखियां। इन गानों से हंसराज ने अपनी खास पहचान बनाई है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म सोनू की टीटू कि स्वीटी में हंसराज के दिल चोरी साडा हो गया का रिमिक्स भी डाला गया था।

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