पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बागी तेवर के साथ-साथ अपना दर्द भी किया बयान…

पंजाब के फायर ब्रांड नेता और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के आक्रामक तेवर के संग उनका दर्द भी सामने आया है। सिद्धू ने खुद को ऐसे गुनाहगार के तौर पर पेश करने की कोशिश की है, जिसे अपना गुनाह नहीं पता। उन्‍होंने ‘बागी’ वाला अंदाज भी दिखाया है। सिद्धू ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेरो-शायरी से अपने तेवर दिखाए हैं। सिद्धू ने लिखा है, बहादुर कब किसी का आसरा एहसान लेते हैं। इसके बाद वह तेजी से ट्रोल हो गए और लोगों ने एक के बाद एक कमेंट किए। इसके साथ ही उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह द्वारा ‘नॉन परफार्मर’ मंत्री कहे जाने के जवाब में अपनी परफार्मेंस रिपोट जारी की है।

बता दें कि नवजोत सिद्धू ने फिर ट्वीट के जरिये कांग्रेस में चल रहे विवाद पर अपनी बात रखी है। उन्‍हाेंने लिखा है-

‘बहादुर कब किसी का आसरा एहसान लेते हैं

उसी को कर गुजरते हैं जो मन में ठान लेते हैं।’

इस पर लोगों ने भी जमकर रि-ट्वीट किया है। लोगों ने सिद्धू पर जमकर निशाने साधे हैं। कई लोगाें ने अमेठी लोकसभा सीट के नतीजों को लेकर सिद्धू को फिर अपना वादा याद दिलाया है। बता दें कि सिद्धू ने कहा था कि अमेठी से भाजपा नेता स्‍मृति ईरानी यदि जीत गईं और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी हार गए तो वह राजनीति छोड़ देंगे। कई ट्रोलर ने सिद्धू से अपना वादा पूरा करने को कहा है।

बता दें कि पंजाब के स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अपने ही मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से पिछले कुछ समय से फिर ठनी हुई है। इस कारण पंजाब कांग्रेस में भी खींचतान बनी हुई है। इस पूरे माहौल में सिद्धू कांग्रेस में फिलहाल अकेले व अलग-थलग दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में मतदान से पूर्व प्रचार के अंतिम दिन बठिंडा में एक रैली में सिद्धू ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोल दिया था।

उन्‍होंने कैप्‍टन अमरिंदर का  नाम लिए बादलों (पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल) से उनकी मिलीभगत का आरोप लगा दिया। उन्‍होंने नशा और बेअदबी के मुद्दे पर भी कैप्‍टन को घेरा। इसके जवाब में मतदान के दिन 19 मई को कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू पर सीधा निशाना साधा। कैप्‍टन ने सिद्धू को अति महात्‍वाकांक्षी करार दिया। कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा कि सिद्धू मुझे हटाकर मुख्‍यमंत्री बनना चाहते हैं।

इसके बाद भी कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर निशाना साधा और उनको नाॅन परफार्मर मंत्री करार दे उनका विभाग बदलने की बात कही। उन्‍होंने इस बारे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से बात करने की बात भी कही। इसके बाद सिद्धू भी साेशल मीडिया के माध्‍यम से अपने तेवर दिखाते रहे। कैप्‍टन अमरिंदर और कई मंत्रियों ने लोकसभा चुनाव में बठिंडा, होशियारपुर और गुरदासपुर में कांग्रेस की हार के लिए भी सिद्धू काे जिम्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा कि सिद्धू ने शहरी क्षेत्रों में विकास नहीं किया, इसलिए शहरोें में कांग्रेस को चुनाव में नुकसान हुआ।

 

अब सिद्धू ने खुद को निशाना बनाए जाने पर एक अन्‍य ट्वीट में अपना दर्द भी रखा है। उन्‍होंने पूरे मामले में खुद को ऐसा गुनाहगार करार है जिसे यही नहीं पता कि उसका गुनाह क्‍या है। सिद्धू ने लिखा है –

‘उन्‍हें यह फ्रिक है हरदम नई तर्जे जफा (बेवफाई) क्‍या है,

हमें भी शौक है कि देखें सितम्बर की इंतहा क्‍या है,

गुनाहगारों में शामिल हैं गुनाहों से नहीं हैं वाफिक,

सितम वो करतेे हैं,

खुदा जाने खता क्‍या है।’

इसके साथ ही सिद्धू ने एक बयान जारी कर कैप्‍टन अमरिंदर सिंह द्वारा नॉन परफार्मर मिनिस्टर कहे जाने का जवाब दिया है। सिद्धू ने अपने स्थानीय निकाय विभाग की परफार्मेंस की डिटेल पेश की है। इससे पहले भी सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपने विभाग की कारगुजारी का ब्योरा पेश किया था।

कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक सिद्धू पर शहरी क्षेत्र में विकास में फिसड्डी रहने के आरोप लगा रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि शहरी क्षेत्र में विकास नहीं होने के कारण लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हुआ था। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री समेत छह कैबिनेट मंत्रियों ने सिद्धू पर निशाना साधा था। कैप्टन ने कहा था कि सिद्धू नाॅन परफार्मर मंत्री हैं। उन्होंने सिद्धू का विभाग बदलने की भी बात कही थी।

सिद्धू ने एक बयान जारी कर अपने स्‍थानीय निकाय विभाग में किए गए प्रशासनिक सुधारों की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ई-नक्शा पोर्टल पर अब तक 4000 के करीब बिल्डिंगों के नक्शे पास हो चुके हैं, जबकि 8,800 से अधिक फाइलें सफलतापूर्वक दाखिल हो चुकी हैं। पोर्टल पर 1600 के करीब आर्किटेक्ट और इंजीनियर रजिस्टर्ड हो चुके हैं।

उन्‍होंने कहा है कि ऑनलाइन सिस्टम के लागू होने से उनके विभाग के टाउन प्लानिंग विंग के स्टाफ को भी राहत मिली। अब स्टाफ पर किसी सिफारिशी केस को मंज़ूर करने का दबाव नहीं रह गया है। पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की दिशा में ऑनलाइन सेवाएं सबसे कारगर विधि है। इस सिस्टम की सफलता के बाद इसको राज्य के अन्य विभाग भी अपनाने जा रहे हैं। उनके विभाग में तीन फीसद से ज्यादा फाइलें पेंडिंग नहीं हैैं।

सिद्धू ने निकाय विभाग में सिर्फ प्रशासनिक सुधारों का हवाला दिया है। उनके विभाग ने विकास के किन प्रोजेक्टों पर काम किया और कौन-कौन से प्रोजेक्ट पूरे किए, इसकी जानकारी नहीं दी है।

पंजाब कांग्रेस की ओर से बुलाई बैठक में नहीं हुए थे शामिल

उल्लेखनीय है कि सिद्धू 30 मई को पंजाब कांग्रेस द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल व सांसदों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। बैठक से कुछ घंटे पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत भी की थी। बैठक में शामिल न होने को लेकर वह एक बार फिर पार्टी के निशाने पर आ गए थे।

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