आजादी के 72 साल बाद 56 विस्थापितों को को मिली नागरिकता तो खिले चेहरे

सैकड़ों पाक विस्थापित अब भी प्रयास में

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद देश के बंटवारे के समय से पाकिस्तान से भारत में आये हिन्दू समाज के लोगों को आजादी के 72 साल के बाद आख़िरकार 56 लोगों भारतीय नागरिकता प्रदान की गयी| भारतीय नागरिकता पाने के लिए और माथे पर लगे पाकिस्तानी कलंक रूपी दाग को मिटाने के लिए इन लोगों ने लम्बी लड़ाई लड़ी है| 56 लोगों में से राजस्थान में 34 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता मिली है जबकि महाराष्ट्र से 22 पाकिस्तानी हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र बुधवार को प्रदान किया गया| हालाँकि नागरिकता देने के लिए लोगों के चयन का काम मंगलवार को ही पूरा कर लिया गया था| भारतीय नागरिकता मिलने के बाद इन सभी नागरिकों ने ख़ुशी जताई है और कहा है कि पाकिस्तानी होने का कलंक उनके माथे से अब मिट गया है| यह कहकर उनलोगों ने खुशी भी जतायी है । भारतीय नागरिकता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के बाद सभी ने ह्रदय से ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। अभी भी पाक से आये सैकड़ों हिन्दुओं को भारत की नागरिकता देने की प्रक्रिया चल रही है और सभी औपचारिकतायें पूरी होने के बाद बचे लोगों को भी भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी और लोग अपना नाम जुड़वाकर भारत में होने वाले चुनावों में वोट भी डाल सकेंगे|

राजस्थान से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में लंबे समय से निवास कर रहे 34 पाकिस्तानी विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र बुधवार को प्रदान किया गया। बाड़मेर, पाली व जालोर जिले में जिला प्रशासन के अफसरों ने सादे समारोह में नागरिकता के प्रमाण पत्र दिए। राजस्थान के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के 34 पाक विस्थापित गत एक दशक से अधिक समय से राज्य में निवासरत थे। उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। इन विस्थापितों में बाड़मेर के 19, पाली के 10 व जालोर के 5 पाक विस्थापित शामिल हैं। राज्य सरकार ने इस मामले में जो कमियां थीं, उन्हें पूरा करवाकर सभी विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान कर दी है। प्रदेश में जनवरी 2019 से 17 जून 2019 तक कुल 79 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दी गई है।

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