कर्नाटक का क्या होगा? SC में सुनवाई शुरू!

कर्नाटक की सत्ता का ‘नाटक’ अब महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली और गोवा तक फैल गया है. मुंबई के होटल में रुके हुए जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और कांग्रेस के विधायकों के पहले गोवा शिफ्ट होने की बात सामने आई लेकिन मंगलवार सुबह साफ हुआ कि वह मुंबई में ही हैं. इस बीच बेंगलुरु में कांग्रेस, जेडीएस और बीजेपी की लगातार बैठकें हो रही हैं. बीजेपी अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस-जेडीएस भी हार मानने को तैयार नहीं हैं. इस बीच आज हर किसी की नज़र विधानसभा अध्यक्ष पर है, जिनके हाथ में विधायकों के इस्तीफे का फैसला है.

जिन 14 विधायकों की वजह से कर्नाटक में गठबंधन की सरकार खतरे में है. इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस-जेडीएस के विधायक मुंबई चले गए लेकिन जब उन्हें पता चला कि कर्नाटक सरकार के सदाबहार संकटमोचक डीके शिवकुमार मुंबई पहुंच रहे तो वो विधायक मुंबई से गोवा के लिए निकल गए. कांग्रेस और जेडीएस के बड़े नेता पूरी ताकत से जुटे हैं कि किसी तरह सरकार बच जाए.

इसके लिए दोनों पार्टियों के सभी मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा भी दे दिया जिससे नाराज विधायकों को मंत्री बनाया जा सके और इसके जरिए सरकार को बचाया जा सके. लेकिन इसके साथ ही अपने-अपने विधायकों को बचाए रखने का बंदोबस्त भी किया गया है जिससे कोई विधायक दूसरे खेमे में ना फिसल जाए. वहीं जेडीएस ने अपने बचे हुए विधायकों के लिए कर्नाटक में ही कोडुगू के एक रिजॉर्ट के 35 कमरे बुक किए हैं. लेकिन सत्ता के सामने कोई भी खर्च मायने नहीं रखता.

बता दें कि कर्नाटक में संकट में घिरी जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार की हालत सोमवार को तब और ज्यादा खराब हो गई, जब निर्दलीय विधायक और लघु उद्योग मंत्री एच नागेश और आर शंकर ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.

उधर, सरकार बचाने के लिए जेडीएस और कांग्रेस ने बागियों को मंत्री पद की पेशकश की तो उन्होंने ठुकरा दिया. अब सभी की निगाहें विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश पर टिकी हैं. वह मंगलवार कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेंगे.

इस बीच, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे विधायकों की बैठक बुलाई है. बैठक में बागी विधायकों को भी शामिल होने के लिए कहा गया है. इसके लिए व्हिप जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पद की पेशकश ठुकराते हुए कहा कि अब काफी देर हो चुकी है और वह बीजेपी में शामिल होंगे

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गौरतलब है कि राज्य में राजनीतिक संकट के मद्देनजर अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी मंत्रियों के इस्तीफे करवाकर सरकार बचाने का आखिरी दांव चला है. उन्होंने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और संकट का हल निकाल लिया जाएगा.

वहीं, कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार के संकट के लिए बीजेपी पर आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक डीके सुरेश ने कहा, राज्य में इस राजनीतिक संकट के पीछे बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं का हाथ है. वे किसी भी राज्य में कोई सरकार या किसी विपक्षी दल की सरकार नहीं चाहते हैं. वे लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों का पलटवार किया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा, कर्नाटक में राजनीतिक संकट से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है.

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