प.बंगाल में सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण

ममता बनर्जी सरकार ने जारी की अधिसूचना

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार ने सोमवार को इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी है। राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार दे के हवाले से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा। उन्हें सरकारी शिक्षा प्रतिष्ठानों में भी 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित मिलेंगी। दलित, महादलित और आदिवासी समुदाय के जो लोग पहले से आरक्षण का लाभ ले रहे हैं, वे इसके दायरे में नहीं आएंगे। आरक्षण की पात्रता के लिए परिवार की वार्षिक आय अधिकतम आठ लाख रुपये होनी चाहिए।पांच एकड़ से कम कृषि भूमि होनी चाहिए। शहर में 1000 वर्गफुट से अधिक का फ्लैट नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही आर्थिक आरक्षण के लिए पात्रों को जिलाधिकारी, एसडीओ, बीडीओ की ओर से जारी होने वाला प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए संविधान में संशोधन करके सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। इसके लिए वार्षिक आय अधिकतम आठ लाख रुपये होनी चाहिए। आरक्षण के इस प्रावधान को उत्तरप्रदेश, गुजरात, झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों ने अपने यहां पहले ही लागू कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर नियुक्त किए गए प्रशांत किशोर की सलाह पर ही ममता ने यह निर्णय लिया है। प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री के साथ जून के तीसरे सप्ताह में हुई बैठक में आर्थिक आरक्षण को लागू करने की सलाह दी थी।

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