सीरियल किलर बनता जा रहा WhatsApp, अब तक ले चुका 27 की जान

व्हाट्सएप आज बड़े काम का हो गया है, लेकिन हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई कुछ घटनाओं से इसके साइड इफेक्ट भी सामने आए हैं। व्हाट्सएप पर फैली अफवाहों के बाद लोगों को निशाना बनाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। बीती एक जुलाई को महाराष्ट्र में बच्चाचोरी के शक में भीड़ ने पांच लोगों को पीट-पीट कर मार डाला। तमिलनाडु और मध्यप्रदेश में भी ऐसे मामले सामने आए हैं।व्हाट्सएप आज बड़े काम का हो गया है, लेकिन हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई कुछ घटनाओं से इसके साइड इफेक्ट भी सामने आए हैं। व्हाट्सएप पर फैली अफवाहों के बाद लोगों को निशाना बनाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। बीती एक जुलाई को महाराष्ट्र में बच्चाचोरी के शक में भीड़ ने पांच लोगों को पीट-पीट कर मार डाला। तमिलनाडु और मध्यप्रदेश में भी ऐसे मामले सामने आए हैं।  मई 2017 से अब तक 27 लोगों की हत्या  - व्हाट्सएप पर अफवाह फैलने के बाद भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को निशाना बनाए जाने का पहला मामला झारखंड में आया था। मई 2017 में बच्चाचोरी की आशंका में सात लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतकों में दो भाई भी थे।  - पिछले हफ्ते ही त्रिपुरा में भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में उस शख्स की हत्या कर दी थी, जिसे सरकार ने लोगों को ये समझाने के लिए नियुक्त किया था कि वो अफवाहों पर ध्यान न दें। इसके बाद राज्य में दो दिन के लिए इंटरनेट पर रोक भी लगा दी गई थी। इस मुद्दे पर राज्य में जमकर सियासत भी हो रही है। कांग्रेस जहां राज्य की भाजपा सरकार को इन मौतों के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं सीएम बिप्लब देव सीधे विपक्षी दलों पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रहे हैं।  - तमिलनाडु में त्रिची जिले के पेरूमामपट्टी गांव में भी भीड़ का ऐसी ही उन्माद नजर आया था। यहां लोगों ने दो लोगों को घेरकर मारपीट शुरू कर दी थी। गमीमत रही कि वे बचकर निकलने में कामयाब रहे।  - मध्यप्रदेश के सिंगरौली में ऐसा ही मामला सामने आया था। पीड़ित युवक नाच-गाने का काम करता है और घटना के समय वह महिला के वेश में कार्यक्रम से लौट रहा था। पहनावा देख लोगों ने बच्चा चोर समझकर पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने युवक को बच्चा चोर नहीं माना है।    (सिंगरौली में कन्हैया नामके इस शख्स को भीड़ ने निशाना बनाया।)  लोकसभा में भी उठा था मामला  मॉब लिंचिंग का मुद्दा लोकसभा तक पहुंच चुका है। विपक्ष ने इस पर हंगामा करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्ष के नात मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में बोलते हुए कहा कि झारखंड और मध्य प्रदेश मॉब लिंचिंग के गढ़ बन गए हैं। देश में डर और आतंक का माहौल है। वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि खड़गे जिन मामलों की बात कर रहे हैं वो पहले से ही कोर्ट में हैं तो फिर वो यह सब यहां क्यों सुना रहे हैं।  अब तक 27 को उतारा जा चुका मौत के घाट    सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई तो होगी गिरफ्तारी  सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले सावधान हो जाएं। अब उनके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है और जेल की हवा खाना पड़ सकती है। गुजरात में ऐसा ही हुआ है।  यह पहला मौका है जब सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में किसी शख्स को गिरफ्तार किया गया हो। पुलिस ने सुरेश प्रजापति के खिलाफ केस किया है, जिसने अहमदाबाद में बच्चा चोरी गैंग सक्रिय होने का झूठ फैलाया था।  एडि. कमिश्नर पुलिस अशोक यादव के मुताबिक, जिस समय पुलिस ने आरोपी को पकड़ा, उस समय वह कुछ लोगों को इकट्ठा कर कथित बच्चा चोर गैंग का वीडियो दिखा रहा था। उस पर आईपीसी की धारा 505 के तहत केस किया गया है।  बकौल यादव, हमारा पुलिस दल इलाके में गश्त दे रहा था। तभी देखा कि एक जगह लोगों की भीड़ जमा है। पुलिस ने पाया कि प्रजापति झूठ फैला रहा है। उसे वह वीडियो अज्ञात नंबर व्हाट्सएप पर आया था और उसने खुद भी कई लोगों को फॉरवर्ड किया था।  वहीं प्रजापति का कहना है कि उसे जानकारी नहीं थी कि ऐसे वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाना अपराध है। जैसे ही पता चला, उसने सभी ग्रुप से वीडियो डिलीट कर दिया।  मालूम हो, बीते दिनों ऐसी ही अफवाहों के चलते मंगलवार को लोगों ने एक महिला और तीन अन्य को बच्चा चोर समझ लिया और सरे राह पिटाई कर दी। इस मामले में भी पुलिस जांच कर रही है।

मई 2017 से अब तक 27 लोगों की हत्या

– व्हाट्सएप पर अफवाह फैलने के बाद भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को निशाना बनाए जाने का पहला मामला झारखंड में आया था। मई 2017 में बच्चाचोरी की आशंका में सात लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतकों में दो भाई भी थे।

– पिछले हफ्ते ही त्रिपुरा में भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में उस शख्स की हत्या कर दी थी, जिसे सरकार ने लोगों को ये समझाने के लिए नियुक्त किया था कि वो अफवाहों पर ध्यान न दें। इसके बाद राज्य में दो दिन के लिए इंटरनेट पर रोक भी लगा दी गई थी। इस मुद्दे पर राज्य में जमकर सियासत भी हो रही है। कांग्रेस जहां राज्य की भाजपा सरकार को इन मौतों के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं सीएम बिप्लब देव सीधे विपक्षी दलों पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रहे हैं।

– तमिलनाडु में त्रिची जिले के पेरूमामपट्टी गांव में भी भीड़ का ऐसी ही उन्माद नजर आया था। यहां लोगों ने दो लोगों को घेरकर मारपीट शुरू कर दी थी। गमीमत रही कि वे बचकर निकलने में कामयाब रहे।

– मध्यप्रदेश के सिंगरौली में ऐसा ही मामला सामने आया था। पीड़ित युवक नाच-गाने का काम करता है और घटना के समय वह महिला के वेश में कार्यक्रम से लौट रहा था। पहनावा देख लोगों ने बच्चा चोर समझकर पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने युवक को बच्चा चोर नहीं माना है।

(सिंगरौली में कन्हैया नामके इस शख्स को भीड़ ने निशाना बनाया।)

लोकसभा में भी उठा था मामला

मॉब लिंचिंग का मुद्दा लोकसभा तक पहुंच चुका है। विपक्ष ने इस पर हंगामा करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्ष के नात मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में बोलते हुए कहा कि झारखंड और मध्य प्रदेश मॉब लिंचिंग के गढ़ बन गए हैं। देश में डर और आतंक का माहौल है। वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि खड़गे जिन मामलों की बात कर रहे हैं वो पहले से ही कोर्ट में हैं तो फिर वो यह सब यहां क्यों सुना रहे हैं।

अब तक 27 को उतारा जा चुका मौत के घाट

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई तो होगी गिरफ्तारी

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले सावधान हो जाएं। अब उनके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है और जेल की हवा खाना पड़ सकती है। गुजरात में ऐसा ही हुआ है।

यह पहला मौका है जब सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में किसी शख्स को गिरफ्तार किया गया हो। पुलिस ने सुरेश प्रजापति के खिलाफ केस किया है, जिसने अहमदाबाद में बच्चा चोरी गैंग सक्रिय होने का झूठ फैलाया था।

एडि. कमिश्नर पुलिस अशोक यादव के मुताबिक, जिस समय पुलिस ने आरोपी को पकड़ा, उस समय वह कुछ लोगों को इकट्ठा कर कथित बच्चा चोर गैंग का वीडियो दिखा रहा था। उस पर आईपीसी की धारा 505 के तहत केस किया गया है।

बकौल यादव, हमारा पुलिस दल इलाके में गश्त दे रहा था। तभी देखा कि एक जगह लोगों की भीड़ जमा है। पुलिस ने पाया कि प्रजापति झूठ फैला रहा है। उसे वह वीडियो अज्ञात नंबर व्हाट्सएप पर आया था और उसने खुद भी कई लोगों को फॉरवर्ड किया था।

वहीं प्रजापति का कहना है कि उसे जानकारी नहीं थी कि ऐसे वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाना अपराध है। जैसे ही पता चला, उसने सभी ग्रुप से वीडियो डिलीट कर दिया।

मालूम हो, बीते दिनों ऐसी ही अफवाहों के चलते मंगलवार को लोगों ने एक महिला और तीन अन्य को बच्चा चोर समझ लिया और सरे राह पिटाई कर दी। इस मामले में भी पुलिस जांच कर रही है।

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