किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाना चाहिए: रजनीकांत

देश में कई जगहों पर इस समय हिंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। वहीं 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया गया। जिसके एक कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने देश की साझी भाषा के तौर पर हिंदी को अपनाने की वकालत की थी। उनके इस बयान पर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। खासतौर से दक्षिण भाषी नेता इसे मानने को तैयार नहीं हैं। हाल ही में कमल हासन हिंदी का विरोध कर चुके हैं। अब रजनीकांत ने भी कहा है कि हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए।

रजनीकांत ने कहा, ‘हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए। न केवल तमिलनाडु बल्कि कोई भी दक्षिण राज्य हिंदी थोपे जाने को स्वीकार नहीं करेगा। केवल हिंदी ही नहीं किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाना चाहिए। यदि एक आम भाषा होती है तो यह देश की एकता और प्रगति के लिए अच्छा होगा लेकिन किसी भाषा के जबरन थोपे जाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘विशेष रूप से, यदि आप हिंदी थोपते हैं, तो तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि कोई भी दक्षिणी राज्य इसे स्वीकार नहीं करेगा। उत्तर भारत में भी कई राज्य यह स्वीकार नहीं करेंगे।’

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