खतरनाक वायु प्रदूषण का विष्फोट क्यों?

लखनऊ : वैश्विक तापमान व जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारक विश्व जनसंख्या में वृद्धि है, जो पिछले एक सदी के भीतर बहुत अधिक बढ़कर अप्रैल 2019 तक 7.7 बिलियन आंकी गई है। जबकि दुनिया की आबादी को 1 बिलियन तक पहुँचाने में मानव इतिहास को 2, 00,000 वर्ष लग गए और पिछले 200 वर्षों के भीतर ही यह 7 बिलियन तक पहुंच गया। यह अनुमांतः 2050 में लगभग 10 बिलियन और 2100 में 11 बिलियन से अधिक तक पहुंच जायेगी।

डा.भरत राज सिंह

वरिष्ठ पर्यावरणविद एवं स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साईंसेज, लखनऊ के महानिदेशक-तकनीकी डा. भरत राज सिंह का कहना है कि आज वैश्विक तापमान व जलवायु परिवर्तन को बढ़ने के दो मुख्य कारक हैं- वाहनों की बढती संख्या में हाइड्रोकार्बन ईंधन का अनाप-शनाप दोहन व औद्योगिकीकरण की बेतहाशा दौड़ के कारण रहन-सहन में परिवर्तन। आज एक तरफ जीवन दायिनी आक्सीजन देने वाले पेड़ों की कटाई चरम पर है, परंतु उसके लगाने की दर नगण्य है। ऐसे में प्रकृति में अनावश्यक रूप में छेड़-छाड़ की जा रही है। हम जानते हैं कि पृथ्वी के चारों तरफ 10-15 कि0मी0 की ऊचाई पर ओजोन की परत फैली हुयी है, जिससे सूर्य से पैरा बैगनी किरणें धरती पर नहीं आती और सभी जीव-जन्तु कैंसर, हृदय रोग, लीवर की बीमारी बच जाते है और फसलों में भी नुकसान नहीं होता। इसी प्रकार ग्रीन हाउस गैस की अधिकता दिन-प्रतिदिन बढ़ने से 05-10 कि.मी. की ऊचाई पर धरती के चारों तरफ, ये गैस एकत्रित हो रही है और पृथ्वी पर सूर्य की किरणों से उत्पन्न रेडियेशन ग्रीन हाऊस गैस की मोटी परत से, पुनः धरती पर वापस लौटने से वैश्विक तापमान निरन्तर बढ़ रहा है।

डा0 भरत राज सिंह ने बताया कि जब बरसात व ठण्डक के मौसम दशहरे और दीवाली के बाद प्रारम्भ होता है, तो वायुमण्डल में उपलब्ध पानी की बूंदे, ओस के रूप में बढ़ी हुयी ग्रीन-हाउस गैस पर दबाव डालती है, जिससे ग्रीन हाउस गैस पृथ्वी के नजदीक आकर फाग (धुंए) के रूप में बढ़ जाती है और हवा में पी0एम0-2.5 धीरे-धीरे बढ़ती रहती है, और दीवाली के पटाखों व पराली जलने से यह समस्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। अतः जब तक इस अन्तराल में, गाड़ियों के आवागमन में कमी नहीं की जायेगी, प्रतिदिन का प्रदूषण पी0एम0-2.5 के स्तर को बढ़ाता रहेगा।

तत्कालिक उपाय

  • कृत्रिम वारिश करायी जाय
  • सड़कों, पेड़ों व घरों आदि के आस-पास पानी का छिड़़काव किया जाय।
  • भवन निर्माण व धूल उड़ाने वाले कार्य स्थगित कर दिये जाये।
  • पराली न जलाई जाय आउर न ही दिवाली तथा शादी आदि में क्रेकर्स न चलाये जाये।
  • निजी वाहनों का उपयोग कम किया जाय तथा दो से अधिक वाहन रखने वालों पर नगर-पालिका द्वारा अधिक टैक्स लगाये जाय।

स्थायी उपाय

1—किसी भी सड़कों के निर्माण के शुरू होने पर बड़े पेड़ लगाये जायें।
2—हाई-वे, एक्स्प्रेस्स-वे आदि के प्रारम्भ पर ही दोनों तरफ के किनारो पर तीन-लेयर में पेड़ लगाए जाय।
3—शहर में पार्क व खुले जगह तथा सड़क के किनारे फलदार पेड़- आम, महुआ, बरगद, पाकड़ आदि लगाये जायें तथा तालाब भी बनवाये जायें जिससे पानी का रिचार्ज व पेडों की वृद्धि भी बनी रहे।

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