रुपये में मजबूती लौटी, डॉलर के मुकाबले 68.83 के स्तर पर आया

डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रिकॉर्ड 69.12 पर पहुंच गया है. हालांकि कारोबार के दौरान धीरे-धीरे इसमें मजबूती देखने को मिल रही है.डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रिकॉर्ड 69.12 पर पहुंच गया है. हालांकि कारोबार के दौरान धीरे-धीरे इसमें मजबूती देखने को मिल रही है.  रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले अपने रिकॉर्ड स्तर 69.05 पर पहुंच गया था. लेकिन शुक्रवार सुबह कारोबार की शुरुआत रुपये में मजबूती के साथ 69.01 पर हुई.  लेकिन बाद में यह रिकॉर्ड निचले स्तर 69.12 पर पहुंच गया था, जो कि रुपये के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट थी. हालांकि अब इसमें सुधार आना शुरू हो गया है. अभी (11.00AM) रुपया मजबूत होकर 1 डॉलर के मुकाबले 68.83 के स्तर पर पहुंच गया है.  गुरुवार को रुपये में कुल 43 पैसे की गिरावट आई थी. यह मई के बाद एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी. असल में हाल के दिनों में डॉलर दुनिया के अन्य मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है.  अमेरिका में बेहतर आर्थि‍क आंकड़ों की उम्मीद और वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन की साहसिक टिप्पणि‍यों की वजह से डॉलर में मजबूती आई है. इसकी वजह से रुपये में भी गिरावट आई है.  घरेलू मोर्चे पर कारोबारियों की नजर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर है. इसकी वजह से रुपये में उतार-चढ़ाव जारी रह सकती है.  इस साल 8% तक कमजोर हो चुका है रुपया  रुपये ने बीते साल डॉलर की तुलना में 5.96 फीसदी की मजबूती दर्ज की थी, जो अब 2018 की शुरुआत से लगातार कमजोर हुआ है. रुपया इस साल जनवरी के अंत से अब तक करीब 8 फीसदी गिर चुका है.  पिछले दिनों क्रूड की ऊंची कीमतों से भारत के करंट अकाउंट डेफिसिट और महंगाई बढ़ने की आशंका से भी रुपये में कमजोरी बढ़ी थी.

रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले अपने रिकॉर्ड स्तर 69.05 पर पहुंच गया था. लेकिन शुक्रवार सुबह कारोबार की शुरुआत रुपये में मजबूती के साथ 69.01 पर हुई.

लेकिन बाद में यह रिकॉर्ड निचले स्तर 69.12 पर पहुंच गया था, जो कि रुपये के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट थी. हालांकि अब इसमें सुधार आना शुरू हो गया है. अभी (11.00AM) रुपया मजबूत होकर 1 डॉलर के मुकाबले 68.83 के स्तर पर पहुंच गया है.

गुरुवार को रुपये में कुल 43 पैसे की गिरावट आई थी. यह मई के बाद एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी. असल में हाल के दिनों में डॉलर दुनिया के अन्य मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है.

अमेरिका में बेहतर आर्थि‍क आंकड़ों की उम्मीद और वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन की साहसिक टिप्पणि‍यों की वजह से डॉलर में मजबूती आई है. इसकी वजह से रुपये में भी गिरावट आई है.

घरेलू मोर्चे पर कारोबारियों की नजर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर है. इसकी वजह से रुपये में उतार-चढ़ाव जारी रह सकती है.

इस साल 8% तक कमजोर हो चुका है रुपया

रुपये ने बीते साल डॉलर की तुलना में 5.96 फीसदी की मजबूती दर्ज की थी, जो अब 2018 की शुरुआत से लगातार कमजोर हुआ है. रुपया इस साल जनवरी के अंत से अब तक करीब 8 फीसदी गिर चुका है.

पिछले दिनों क्रूड की ऊंची कीमतों से भारत के करंट अकाउंट डेफिसिट और महंगाई बढ़ने की आशंका से भी रुपये में कमजोरी बढ़ी थी.

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