एकता व शान्ति ही मानवता के विकास का मूलमंत्र : बृजेश पाठक

अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का तीसरा दिन

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 20वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ के तीसरे दिन का उद्घाटन रविवार को प्रातः प्रदेश के कानून एवं न्यायमंत्री बृजेश पाठक ने दीप प्रज्वलित कर किया, जबकि समारोह की अध्यक्षता जाम्बिया के न्यायमंत्री गिवेन लुबिन्डा ने की। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे 71 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पार्लियामेन्ट के स्पीकर, न्यायमंत्री, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश, विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुखों समेत 290 से अधिक मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविदों ने एक नई विश्व व्यवस्था हेतु जोरदार तरीके से अपने विचार रखे। विदित हो कि विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन 8 से 12 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के तीसरे दिन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि बृजेश पाठक, कानून एवं न्यायमंत्री, उ.प्र. ने कहा कि एकता व शान्ति ही मानवता के विकास का मूलमंत्र है। मैं डाॅ. जगदीश गाँधी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने आज की जरूरत को पहचाना और विश्व के बच्चों के सुरक्षित व सुखमय भविष्य के लिए विगत कई वर्षों से इस सम्मेलन को आयोजित कर रहे हैं। विभिन्न देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों की आवाज वैश्विक शान्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। समारोह की अध्यक्षता करते हुए जाम्बिया के न्यायमंत्री गिवेन लुबिन्डा ने कहा कि विश्व व्यवस्था में आज भय एवं अशान्ति का वातावरण बना हुआ है। दुनिया के अधिकांश देश अपने ही लोगों का धन उनके उत्थाव व विकास पर खर्च करने के बजाय हथियारों पर खर्च कर रहे हैं बावजूद इसके कि भुखमरी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद इत्यादि बड़ी समस्यायें सामने खड़ी हैं।

अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में मुख्य न्यायाधीशों के विचारों से अवगत कराते हुए सीएमएस प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि न्यायविदों व कानूनविदों का कहना था कि हम लोगों के बीच संस्कृति, मान्यताओं व सामाजिक मूल्यों की विभिन्नताएं होने के बावजूद हम सब भाई बहन हैं और जब तक हम इन विभिन्नताओं में एकता नहीं स्थापित करते, हम शान्ति व सुख से नहीं रह सकते। न्यायविदों का मानना था कि बच्चे एक सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। अतः एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण होना चाहिए जिससे विश्व में न्याय, एकता व शान्ति स्थापित हो सके, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाये, बच्चों पर अत्याचार और अन्याय समाप्त हो, सबको चिकित्सा का लाभ मिल सके और युद्ध समाप्त हो। प्रो. किंगडन ने बताया कि ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन पूरी तरह से विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है।

उल्लास से मनाया डॉ.गांधी का जन्मदिन

सीएमएस के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. शिक्षकों व कार्यकर्ताओं ने आज विद्यालय के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी का जन्मदिवस बड़े उत्साह व उल्लास से मनाया और उनके स्वस्थ व दीर्घ जीवन की तहेदिल से कामना की। इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन में पधारे मुख्य अतिथि बृजेश पाठक, कानून एवं न्यायमंत्री, उ.प्र. ने भी डा. गाँधी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही, सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन, सी.एम.एस. के सभी कैम्पस की प्रधानाचार्याओं व शिक्षकों-कार्यकर्ताओं के साथ ही अनेकों गणमान्य हस्तियों द्वारा दिनभर बधाई देने का सिलसिला चलता रहा।

श्री शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के अन्तर्गत आयोजित 71 देशों के न्यायविदों, कानूनविदों व अन्य प्रख्यात हस्तियों के स्वागत समारोह में लखनऊ की मेयर डा. संयुक्ता भाटिया ने इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन्टोनी केसिया-एम.बी.ई. मिन्दुआ को ‘लखनऊ शहर की चाबी’ भेंटकर सम्मानित किया। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने 71 देशों से पधारे अतिथियों को आज सायं साइन्टिफिक कन्वेन्शन सेन्टर, के.जी.एम.यू., में रात्रिभोज दिया। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष की सद्भावना को सभी आमन्त्रित अतिथियों ने सराहा तथापि सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने श्री दीक्षित के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

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