Ayodhya मामला : फैसले के खिलाफ जमियत उलेमा-ए-हिंद ने दायर की पुनर्विचार याचिका

नई दिल्ली : जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने राम जन्मभूमि विवाद मामले में सोमवार को पुनर्विचार याचिका दायर किया है। जमीयत की ओर से एम. सिद्दीकी ने याचिका दायर की है। 217 पेज की याचिका में जमीयत ने नौ नवम्बर के सुप्रीम कोर्ट के संविधान बेंच के फैसले पर फिर से विचार की मांग की है। पक्षकार एम. सिद्दीकी की तरफ से मांग की गई कि नौ नवम्बर के सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए, जिसमें कोर्ट ने विवादित जमीन को राम मंदिर के पक्ष में दिया। याचिका में यह भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि मंदिर बनाने को लेकर ट्रस्ट का निर्माण न करे। मौलाना सैयद असद रसीदी, जो कि जमीयत की ओर से मूल पक्षकार के कानूनी वारिस हैं, ने याचिका दायर की है।

पिछले नौ नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मत फैसले में अयोध्या की विवादित भूमि पर मंदिर बनाने का आदेश दिया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने मुसलमानों को वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ भूमि देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि विवादित भूमि फिलहाल केंद्र सरकार अधिग्रहित करेगी। केंद्र सरकार तीन महीने के अंदर ट्रस्ट का गठन कर उस भूमि को मंदिर निर्माण के लिए देगी। कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार अधिग्रहित भूमि के बाकी बचे हिस्से के प्रबंधन और उसके विकास के लिए प्रावधान तय करने के लिए स्वतंत्र होगी। कोर्ट ने कहा था कि केद्र सरकार मंदिर के लिए ट्रस्ट को भूमि देने के साथ ही पांच एकड़ भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपेगी। सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली भूमि या तो अयोध्या एक्ट 1993 के तहत केंद्र सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि से दी जाएगी या राज्य सरकार की ओर से अयोध्या मे किसी प्रमुख स्थान पर दी जाएगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com