भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा संयुक्त राष्ट्र

भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक पर संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को  टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उसकी एकमात्र चिंता यह है कि सभी देश गैर भेदभावकारी कानूनों का उपयोग करें।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक से जब विधेयक के पारित होने के बारे में संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है, यह कानून एक विधायी प्रक्रिया से गुजरेगा। हम इसपर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे जबतक घरेलू विधायी प्रक्रिया को अंजाम नहीं दे दिया जाता।

उन्होंने अपने अपने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हमारी चिंता केवल यह सुनिश्चित करने की है कि सभी सरकारें गैर-भेदभावकारी कानूनों का दुरुपयोग करें।

बता दें कि सोमवार को लोकसभा ने नागरिकता संशोधन विधेयक को 311 मतों से पारित कर दिया था जबकि इसके विपक्ष में 80 वोट पड़े थे। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के शरणार्थियों के लिए नागरिकता के नियमों को आसान बनाना है।

वर्तमान में किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य है। इस संशोधन के जरिए सरकार नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर छह साल करना चाहती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com