Varanasi : मां की गोद में जाते ही खुशी से चहक उठी मासूम चम्पक

चौदह दिन बाद एकता की जेल से हुई रिहाई
सीएए के विरोध प्रदर्शन में हुई थी गिरफ्तारी

वाराणसी : नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता एकता शेखर गुरुवार सुबह जिला जेल से रिहा हो गई। एकता महमूरगंज स्थित अपने आवास पर जैसे ही पहुंची उनकी सवा साल की मासूम बच्ची चम्पक मां को देख मारे खुशी के उछल पडी। बता दें कि पिछले 14 दिनों से मां की गोद और दुलार के लिए तरस रही मासूम की खुशी देख वहां मौजूद परिजन भावुक हो गये। इस दौरान एकता ने बताया जेल में बेटी की चिंता सताये जा रही थी। चम्पक मेरे दूध पर ही निर्भर है। जेल में सामाजिक मुद्दों पर रही यह मेरे लिए गर्व की बात है, लेकिन बेटी से दूरी बेहद कष्टदायी साबित हो रही थी। एकता ने बताया शाम तक पति रविशेखर भी रिहा हो जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि बीते 19 दिसम्बर को नगर में धारा 144 लागू होने के बावजूद सामाजिक संगठनों और विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं ने बेनियाबाग से सीएए के विरोध में प्रतिरोध मार्च निकाला था। इस मामले में पुलिस ने 56 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ताओं में एकता शेखर और रविशेखर (पति-पत्नी) भी शामिल रहे। मासूम बच्ची पिछले 14 दिनों से मां से न मिलने पर रो-रोकर बीमार हो गई। यह देख एकता की सास शीला तिवारी ने चम्पक को लेकर पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय में भी बहू और बेटे की रिहाई के लिए गुहार लगाई थी। बीते बुधवार को न्यायालय ने एकता की जमानत मंजूर कर ली। सुबह एकता के साथ 15 अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी जेल से रिहाई हो गई। इस मामले में अन्य आरोपियों की भी जमानत मंजूर हो गई है।

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