लोकतंत्र सेनानियों को कहां से दे रहे पेंशन : राम गोविन्द चौधरी

सीएए विरोधियों को पेंशन पर रार : सीएम योगी के बयान पर बोले नेता प्रतिपक्ष
अगर समाजवादी लोग सीएम की भाषा में उन्हें जवाब देने लगे तो कैसा रहेगा

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि सपा के नेता सरकार में आने पर सीएए का विरोध करने वालों को पेंशन देने की बात कह रहे हैं, जैसे पैसा उनके बाप दादाओं ने कमाकर दिया है”। रामगोविन्द चौधरी ने सीएम के इस बयान पर कड़ा एतराज दर्ज कराया है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में रामगोविन्द ने कहा कि सीएम अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर मौजूदा बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन में 5 हजार रुपये प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी क्यों की है? पेंशन की राशि निजी नहीं होती है। रामगोविन्द ने कहा कि अगर समाजवादी लोग सीएम की भाषा में उन्हे जवाब देने लगे तो कैसा रहेगा?

लोकतंत्र सेनानियों को कैसे दिया जा रहा पेंशन

रामगोविन्द ने कहा कि हम लोग ऐसी भाषा नहीं बोल सकते हैं, लेकिन अगर कोई पलट कर पूछ ले कि जो लोकतंत्र सेनानियों को बढा हुआ 5 हजार रुपया दिया जा रहा है क्या वो अपने बाप के घर से दे रहे हैं? कोई भी अनुदान देते है क्या वो अपने बाप के घर से दे रहे है, उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में सबसे ज्यादा समाजवादी, आरएसएस और बीजेपी के लोग जेल में बंद थे। उनके नेता मुलायम सिंह ने ही इन सभी को लोकतंत्र सेनानी के रुप में पेंशन देने की व्यवस्था की। जब मुलायम सिंह ने पेंशन दी थी आरएसएस औऱ बीजेपी के लोगों ने नेता जी को सम्मानित किया था। बीजेपी जब पेंशन की राशि बढाती है तो उन्हे कोई दिक्कत नहीं होती है।

इमरजेंसी की तरह लोगों की आवाज दबाने की कोशिश

समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर सीएए का विरोध करने वाले लोगों को पेंशन दिए जाने के बयान का नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने एक बार फिर बचाव किया है। रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहा आन्दोलन आजादी की तीसरी लड़ाई है। रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि हम समाजवादियों को देख कर ही मध्यप्रदेश की तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सरकारी कोष से इमरजेंसी में बंद लोगों को लोकतंत्र सेनानी के तौर पर पैसा दिए थे। रामगोविन्द ने कहा कि सरकार लगातार जन आन्दोलन का शिकार हो रही है, लेकिन लोगों की आवाज लगातार इमरजेंसी की तरह दबाने की कोशिश हो रही है। सरकार को पता होना चाहिए कि उनका जिस तरह से रवैया है उस हिसाब से उन्हें सरकार से जाना ही पड़ेगा। रामगोविन्द ने कहा कि अब सरकार का हर तबका आन्दोलन पर उतर चुका है औऱ श्रामिक संगठन भी उसी रास्ते पर है।

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