NRC: परेश रावल का तंज, कहा- 2019 का पहला रुझान आया, विपक्ष ’40 लाख’ वोटों से पीछे

असम में जारी हुए नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन्स (एनआरसी) को लेकर सड़क से लेकर संसद हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष पुरजोर तरीके से एनआरसी के मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रहा है वहीं सरकार कह रही है सबकुछ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुआ इसलिए कुछ भी गलत नहीं है. राज्यसभा में पिछले तीन दिन से इस मुद्दे पर हंगामा हो रहा है. इस बीजेपी सांसद परेश रावल ने विपक्ष पर तंज किया है.NRC: परेश रावल का तंज, कहा- 2019 का पहला रुझान आया, विपक्ष '40 लाख' वोटों से पीछे

परेश रावल ने ट्विट पर तंज करते हुए लिखा कि 2019 का पहला रुझान आ गया है, ‘विपक्ष ”40 लाख ” वोटों से पीछे चल रहा है.’ बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी एनआरसी का विरोध कर रही है. ममता ने बीजेपी पर एनआरसी के जरिए वोटबैंक की पॉलीटिक्स का आरोप भी लगाया है.

चुनाव आयोग ने एनआरसी पर क्या कहा?
आम चुनावों के लिए चुनाव आयोग को 4 जनवरी 2019 तक अपनी वोटर लिस्ट तैयार करनी होगी और उसी लिस्ट के आधार पर तय होगा कि कौन सा मतदाता आगामी लोकसभा चुनावों के लिए मतदान कर सकेगा या नहीं. मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ किया एनआरसी की इस ड्राफ्ट रिपोर्ट का वोटर लिस्ट के ऊपर कोई असर नहीं पड़ेगा. अगर फाइनल रिपोर्ट भी आ जाती है और किसी का नाम एनआरसी में नहीं होता तब भी ऐसा नहीं है कि उस शख्स का नाम वोटर लिस्ट से यूं ही काट दिया जाएगा. उसके बाद भी चुनाव आयोग अपनी जांच करेगा कि क्या वाकई में वह शख्स देश का नागरिक है या नहीं.

क्या कहता है एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट?
असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया. जिसके मुताबिक कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदन में से दो करोड़ नवासी लाख लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब चालीस लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं. NRC का पहला मसौदा 1 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे. दूसरे ड्राफ्ट में पहली लिस्ट से भी काफी नाम हटाए गए हैं.

नए ड्राफ्ट में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. इस ड्राफ्ट से असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बारे में जानकारी मिल सकेगी. असम के असली नागरिकों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की समय सीमा मानी गई है यानी इससे पहले से रहने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com