कैंट बोर्ड के सिविल क्षेत्रों में मंद पड़ी विकास की रफ्तार आने वाले वक्त में पकड़ सकती है जोर….

कैंट बोर्ड के सिविल क्षेत्रों में मंद पड़ी विकास की रफ्तार आने वाले वक्त में जोर पकड़ सकती है। 15वें वित्त आयोग ने छावनी परिषदों को भी शहरी स्थानीय निकाय की श्रेणी में रखा है। इससे इन्हें भी राज्य सरकार से बजट मिलने की राह खुलती दिख रही है। अपर महानिदेशक कैंट सोनम यंगडोल ने ट्विट कर यह जानकारी साझा की है।

बता दें कि प्रदेश में नौ छावनियां हैं। इसमें देहरादून, क्लेमेनटाउन, लंढौर, चकराता, लैंसडौन, रानीखेत, अल्मोड़ा, नैनीताल और रुड़की शामिल है। इसमें बड़ी संख्या में सिविल आबादी बसती है। तमाम कैंट बोर्ड विगत कुछ कई वर्षों से बजट की तंगी से जूझ रहे हैं। यहां ज्यादातर विकास कार्य ग्रांट इन एड पर निर्भर हैं, पर इसमें भी लगातार कटोती हुई है।

रक्षा मंत्रालय पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि बोर्ड स्वयं की आय बढ़ाएं। इसके विपरीत इन क्षेत्रों में आय के संसाधन सीमित हैं। हाल यह है कि वर्तमान स्थिति में विकास कार्यों की भी वरीयता तय करनी पड़ रही है। बात जहां किसी बड़ी योजना की आती है, तो बजट के लिए बोर्ड को केंद्र का ही मुंह ताकना पड़ता है। अपनी आय के नाम पर टैक्स ही एकमात्र जरिया है। लेकिन, उसे बढ़ाए जाने की एक सीमा है। जितनी आमदनी फिलवक्त हो रही है, उससे कर्मचारियों की तनख्वाह,रखरखाव व अन्य खर्च ही निकल जाएं, तो काफी है।

ऐसे में 15वें वित्त आयोग से कुछ उम्मीद बंधी है। इसमें कहा गया है कि अपने क्षेत्र के कैंट बोर्डों के लिए राज्य जनसंख्या के आधार पर बजट आवंटन करें। राज्य वित्त आयोग की ताजा संस्तुति के अनुरूप यह व्यवस्था की जा सकती है। अगर किसी मद विशेष के लिए संस्तुति नहीं है तो बजट आवंटन क्षेत्रफल व जनसंख्या के आधार पर किया जा सकता है।

छावनी परिषद देहरादून की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन के अनुसार यह एक अच्छी पहल है। आर्थिक तंगी के कारण बोर्ड में पास विकास कार्यों को धरातल पर उतारने में लंबा वक्त लग जाता है। राज्य स्तर पर भी बजट मिलेगा तो विकास गति पकड़ेगा।

गढ़ी कैंट में अतिक्रमण के खिलाफ चलेगा अभियान 

छावनी परिषद देहरादून अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके लिए कैंट बोर्ड की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन ने पुलिस प्रशासन के साथ बैठक की। बता दें, अतिक्रमण के खिलाफ प्रस्ताव बोर्ड बैठक में अर्से पहले पारित हो गया था, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई थी।

छावनी परिषद देहरादून अंतर्गत प्रेमनगर, गढ़ी व डाकरा में अतिक्रमण की भरमार है। सड़क के साथ ही नालियों पर भी कब्जे हो गए हैं। साथ ही ठेली-रेहड़ी भी सड़क पर खड़ी रहती हैं। वहीं कई जगह सड़क तक और नालियों के ऊपर खोखे बन गए हैं। जिससे यातायात तो बाधित होता है। साथ ही स्थानीय लोगों का अतिक्रमणकारियों के साथ आए दिन विवाद भी होता है। रविवार को गढ़ी-डाकरा के स्थानीय लोगों ने भी बैठक कर इस ओर कैंट प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। सीईओ तनु जैन ने बताया कि जल्द पुलिस फोर्स मिलते ही अभियान शुरू किया जाएगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com