काबुल : अज्ञात बंदूकधारियों ने शुक्रवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक समारोह पर हमला किया, जहां अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला मौजूद थे। अफगान राजनेता के प्रवक्ता ने बाद में बताया कि अब्दुल्ला अब्दुल्ला सुरक्षित निकलने में सफल रहे। अब्दुल्ला के प्रवक्ता फरदून क्वाज़ून ने टेलीफोन पर मीडिया को बताया कि हमले की शुरुआत एक रॉकेट धमाके से हुई। हालांकि अब्दुल्ला और कुछ अन्य राजनेता इस घातक हमले से बचने में सफल हो गए। हज़ारा जाति के एक नेता अब्दुल अली मज़ारी की मौत की सालगिरह के मौके पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी लेने से तालिबान ने इनकार किया है। 1995 में तालिबान आतंकवादियों ने मजारी को कैद करने के बाद मार दिया था।
एक टीवी चैनल टोलो न्यूज ने हमले में फंसे लोगों के लाइव फुटेज दिखाए।उनमें गोलियों की आवाज साफ सुनी गई थी। हमले में किसी के भी हताहत होने की तत्काल पुष्टि नहीं हुई, लेकिन सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई असत्यापित तस्वीरों में कई लोगों को घायल हालत में दिखाया गया है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि उस इलाके में विशेष पुलिस बल भेजा गया है। हमले के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ने इस हमले को मानवता के खिलाफ अपराध बताया। पिछले साल इसी समारोह के मौके पर ठीक इसी तरह से हुए हमले में कई लोग मारे गए थे। तब इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी। हज़ारा ज्यादातर शिया मुस्लिम हैं। अफगानिस्तान में सुन्नी मुस्लिम आतंकी समूहों द्वारा अल्पसंख्यक शियाओं पर बार-बार हमला किया गया है।
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