नई दिल्ली। बहुचर्चित सुनंदा पुष्कर हत्याकांड में सवा चार साल बाद दिल्ली पुलिस का विशेष जांच दल (एसआइटी) सोमवार को साकेत कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर सकता है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते की मोहलत मांगी थी। एसआइटी अंतिम रिपोर्ट हत्या के मामले में दायर करेगी अथवा आत्महत्या, फिलहाल इसको लेकर संशय बरकरार है।
दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा की 17 जनवरी 2014 को चाणक्यपुरी स्थित पांच सितारा होटल लीला पैलेस के सुइट नंबर 345 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
मौत को पहले आत्महत्या बताया गया था। लेकिन, एक साल बाद विसरा रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की जांच के लिए एसआइटी बनाई गई। लेकिन, सवा चार साल बाद भी न तो केस सुलझ सका और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई।
एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम किया था। 29 सितंबर 2014 को मेडिकल बोर्ड ने दिल्ली पुलिस को रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है। बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं। लिहाजा, बाद में उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।
इस रिपोर्ट के बाद 1 जनवरी 2015 को सरोजनी नगर थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद सुनंदा के विसरा को जांच के लिए फोरेंसिक ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ), अमेरिका की लैब में भेज दिया गया था। लेकिन, वहां की लैब में भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका।
उधर, मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने शशि थरूर के कई परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों व अन्य से पूछताछ की थी। लेकिन, नतीजा सिफर ही रहा। विसरा को दोबारा जांच के लिए एफबीआइ लैब भेजा गया, फिर भी कुछ पता नहीं लग पाया। पिछले साल सितंबर में दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसके हाथ कुछ नए साक्ष्य लगे हैं। वह फोरेंसिक साइकोलॉजी एनालिसिस टेस्ट कराएगी, जिसके माध्यम से वह सुनंदा के कातिलों तक पहुंच जाएगी।