लंदन में 12 अगस्त को होने वाले खालिस्तान समर्थक रैली से पहले भारत ने ब्रिटेन से नाराजगी जाहिर की है. भारत ने ब्रिटेन से कहा है कि इस बारे में फैसला उसे ही करना है कि उसे हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली इस रैली की अनुमति देना है या नहीं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “हमने ब्रिटेन का ध्यान इस ओर दिलाया है कि लंदन में होने वाला कार्यक्रम एक अलगाववादी गतिविधि है, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है.”
बता दें कि विदेश मंत्रालय की यह कठोर टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब कुछ दिन पहले ब्रिटेन ने रैली की इजाजत नहीं देने का भारत का अनुरोध खारिज कर दिया था.
उन्होंने कहा, “हमने कहा है कि यह हिंसा, अलगाववाद और घृणा को बढ़ावा देना चाहता है. हम उम्मीद करते हैं इस तरह के मामलों पर निर्णय लेते समय वे (ब्रिटेन) आपसी संबंधों को ध्यान में रखेंगे.”
गौरतलब है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) कट्टरपंथी मानवाधिकार समूह ने घोषणा की है कि वह 12 अगस्त को लंदन में ट्राफ्लगर स्क्वायर में भारतीय राज्य पंजाब के लिए स्वतंत्रता जनमत संग्रह कराएगा.
भारत ने इस मामले को पिछले महीने ब्रिटेन के समक्ष उठाया था. विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक, अन्य यूरोपीय देशों कनाडा और अमेरिका में इसी तरह के कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है.
कुमार ने कहा कि भारतीय राजदूतों को ऐसे मामले को संबंधित देशों के साथ उठाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि कुछ अन्य स्थानों में भी इसी तरह की योजना बनाई जा रही है और हमने अपने राजदूतों को लिखा है कि वे संबंधित देशों के विदेशी कार्यालयों के साथ इस मामले को उठाएं
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