दर्ज मुकदमों के आरोपितों की 15 दिनों में की जाए गिरफ्तारी
कानपुर। बिकरु कांड में जिन आरोपियों पर मुकदमें दर्ज हुए हैं और अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, उनकी 15 दिनों में गिरफ्तारी की जाए। इसके साथ ही जघन्य अपराध में एसआईटी रिपोर्ट में जिन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की गई है उन पर 30 दिन में विभागीय कार्यवाही को अमल में लाया जाए। यह बात मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र मोहित अग्रवाल ने कानपुर, कानपुर देहात व बिकरु कांड से जुड़े सर्किल के अफसरों से कही। बिकरु कांड में सीओ देवेन्द्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस ने भले ही तीन दर्जन से अधिक अभियुक्तों को जेल भेज दिया हो पर शासन की ओर से गठित एसआईटी में कुछ और नाम सामने आ रहे हैं। इनमें ज्यादातर पुलिस विभाग से लेकर प्रशासनिक विभाग के अधिकारी व कर्मचारी हैं जो बिकरु कांड के मुख्य अभियुक्त रहे विकास दुूबे की हां में हां मिलाते थे। एसआईटी की जांच रिपोर्ट में ऐसे सभी दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर मंगलवार को आईजी मोहित अग्रवाल ने आलाधिकारियों के साथ बैठक की।
आईजी ने कहा कि अभी भी दर्ज मुकदमों के कई आरोपी जेल की सलाखों से दूर हैं। ऐसे आरोपियों को 15 दिनों में गिरफ्तारी करते हुए जेल भेजा जाए। आईजी ने यह भी कहा कि बिकरु कांड की जांच में एसआईटी द्वारा जिन पुलिस कर्मियों को दोषी बताया गया है, उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही तेज की जाए। ऐसे दोषी कर्मियों पर 30 दिन में विधिक कार्यवाही पूरी करते हुए अवगत कराया जाए। आईजी ने अफसरों से पुलिस कर्मियों को तीन माह में एक बार असलहा प्रशिक्षण भी दिए जाने का रोस्टर तैयार करने को कहा है। इसके पीछे बिकरु कांड में जिस तरह से पुलिस पर विकास दुबे गिरोह के लोगों को निशाना बनाने में चूक का देखते हुए उठाया जा रहा है। वहीं दबिश में एसओपी बनाये जाने के साथ ही, बुलैट प्रूफ जैकेट, रात्रि में ड्रैगन लाइट का इस्तेमाल करने व सुरक्षा घेरा तैयार करने की बात कही।
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