अमिताभ बच्चन पर मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद, हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने का लगा आरोप

हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने के मामले में अभिनेता अमिताभ बच्चन (Actor Amitabh Bachchan) पर मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट (Muzaffarpur CJM Court) में परिवाद दायर किया गया है। इनके अलावा कौन बनेगा करोड़पति (KBC) शो के दो निदेशक अरुणेश कुमार (Arunesh Kumar) व राहुल वर्मा (Rahul Verma), बोर्ड ऑफ एंटरटेनमेंट टेलीविजन के चेयरमैन मंजीत सिंह (Manjit Singh) को भी परिवाद में आरोपित किया गया है। परिवाद आचार्य चंद्रकिशोर पाराशर ने दायर कराया है। कोर्ट ने परिवाद पर सुनवाई के लिए तीन दिसंबर की तिथि निर्धारित किया है।

यह लगा आरोप

दिए गए परिवाद में कहा गया कि 20 अक्टूबर को केबीसी के एपीसोड में एक प्रश्न पूछा गया था, जो हिंदू भावना को आहत करने वाला है।

ये था प्रश्‍न

25 दिसंबर 1927 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायियों ने किस सिख धर्मग्रंथ की पर्चियां जलाई थी?

1.विष्णू पुराण

2. भागवत गीता

3. ऋगवेद

4. मनुस्मृति

आवेदक ने इसी को आधार बनाते हुए परिवाद दायर किया है। परिवाद में कहा गया है कि जान बूझकर हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने के लिए ऐसा प्रश्न सेट किया गया था। जिससे हिंदू भावना को आघात पहुंचाया जाए। बहरहाल इस मामले में अब सीजेएम कोर्ट में तीन दिसंबर को सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई होगी।  परिवाद में कहा गया कि सवाल के जवाब में जो उत्तर के विकल्प दिए गए थे। उसमें विष्णू पुराण, भागवत गीता, ऋगवेद व मनुस्मृति था। चारों ही धर्म ग्रंथ महान हिंदू धर्म का ग्रंथ है। जिसमें तमाम हिंदूओं के साथ आवेदक एवं करोड़ों हिंदूओं मतावलवियों की आस्था जुड़ी है।

 जिस चारों धर्म ग्रंथ की आवेदक पूजा करते है। एेसे महान ग्रंथ का आरोपित द्वारा उच्चारण कर धर्म ग्रंथ को जलाए जाने संबंधी प्रश्न पूछे जाने एवं घर पर लगे टेलीविजन सोनी चैनल पर इस प्रश्न और उत्तर को सुनकर आवेदक आहत हो गए। और, उन्हें धर्म आघात पहुंचा। ऐसा लगा कि आवेदक के शरीर से प्राण निकल गया। आवेदक पूर्वांचल राज्य हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष है,जो हमेशा ही सामाजिक कार्य व पूजा पाठ में अपना समय लगाते है।

 

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