अमित शाह का प्रस्ताव खारिज, दिल्ली नहीं जाएंगे प्रदर्शनकारी; बॉर्डर सील

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से आए हजारों किसान रविवार को भी सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। वह यहां से टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं, रविवार को किसानों ने एक बैठक के पाद किसान संगठनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने बुराड़ी में मुहैया कराई गई जगह पर सभी किसानों के इकट्ठा होने के बाद बातचीत शुरू करने की बात कही थी। इतना ही नहीं किसान संगठनों ने यह भी फैसला किया है कि बुराड़ी पहुंचे किसान भी वापस सिंघु बॉर्डर लौटेंगे। किसानों ने आशंका जताई है कि टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर तो सील कर दिया गया है। इसके अलावा आने वाले दिनों में हापुड़, आगरा व जयपुर रोड को भी सील किया जाएगा। वहीं, किसान संगठनों की एक अहम बैठक शाम 4 बजे होगी, जिसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

गौरतलब है कि शनिवार शाम को केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ सरकार की ओर से तत्काल बातचीत के लिए तैयार रहने का इशारा किया था।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से धरने के लिए निर्धारित बुराड़ी स्थित संत निरंकारी मैदान में पहुंचने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि निर्धारित स्थल पर पहुंचने के अगले ही दिन वार्ता होगी वहीं, किसानों ने अमित शाह की इस शर्त को ठुकरा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, टीकरी बॉर्डर पर जमा किसान संगठन प्रमुख किसान यूनियन-एकता उगराहा के प्रधान जोगिंदर सिंह से अमित शाह ने बात की थी, वह बुराड़ी में प्रदर्शन करें, लेकिन उन्होंने यह मांग भी ठुकरा दी है।

यूपी के किसानों ने तोड़े बैरिकेड

वहीं, उत्तर प्रदेश के किसान यूपी गेट पर जमा हैं। रविवार दोपहर यूपी के किसानों ने दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ डाले, हालांकि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के कहने पर मामला शांत है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने  उत्तर प्रदेश के किसानों को रोकने के लिए 2 लेयर में बैरिकेड लगाए हैं। अगर एक टूटा तो दूसरे पर हर हाल में किसानों को रोकने का इंतजाम है।

भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी का बड़ा बयान, दिल्ली नहीं जाएंगे किसान, वजह भी बताई

इस बीच भाकियू के हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने अहम बयान में कहा है कि किसान अब दिल्ली नहीं जाएंगे।  गुरनाम सिंह ने कहा कि बुराड़ी जाने का कोई इरादा नहीं है। सरकार ने पहले डंडे मारे फिर पानी की बौछारें और आंसू गैस छोड़े। अम्बाला से लेकर यहां तक हम पर 30-32 केस दर्ज किए जा चुके हैं। हत्या का केस तक हम पर दर्ज किया गया है। हमें डर है कि जाट आरक्षण की तरह अब कुछ असामाजिक तत्व हमारे बीच न घुस जाएं और कोई अनहोनी न कर दें। इसलिए हम सतर्क हैं।

गुरनाम सिंह ने कहा कि अब हरियाणा का किसान भी हमारा साथ देने के लिए चल पड़ा है। अमित शाह अगर बुराड़ी आकर बात करना चाहते हैं तो हम नहीं मानेंगे। सरकार ने अब देर कर दी है। संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आंदोलन चल रहा है। गुरनाम ने मांग की है कि तीनों कानून रद होंने चाहिए। बिजली बिल, एमएसपी गारंटी कानून लाया जाए, ये भी हमारी मांग है।

अमित शाह के साथ 1 दिसंबर को 1 बजे हो सकती है किसान संगठनों की बैठक

वहीं, खबर आ रही है कि 1 दिसंबर को 1 बजे क‍िसानों संगठनों की केंद्रीय गृह मंत्री अम‍ित शाह के साथ बैठक हो सकती है। इस बैठक के लिए क‍िसान नेताओं ने अम‍ित शाह, राजनाथ सिंंह व कृष‍ि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की थी। यह बैठक कहां पर होगी? यह अभी तय नहीं हुआ है।

वहीं, यह खबर भी आ रही है कि सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर किसान बैठे रहेंगे या हटेंगे? रविवार को इस पर फैसला हो सकता है। बताया जा रहा है कि किसान संगठनों के नेताओं की गोपनीय तरीके से बैठक चल रही है। इस बैठक का नतीजा दोपहर बाद तक आ सकता है।

वहीं, बुराड़ी मैदान में किसानों के प्रदर्शन करने के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि गाजियाबाद-दिल्ली सीमा पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने अपना विरोध जारी रहेगा। विरोध रामलीला मैदान में होता है, फिर हमें निजी सुविधा वाले निरंकारी भवन में क्यों जाना चाहिए? हम रविवार को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही रहेंगे।

वहीं, पंजाब व हरियाणा के किसानों के प्रदर्शन के चलते सिंघु बॉर्डर सील है। इस वजह से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। न दिल्ली के वाहन हरियाणा जा पा रहे हैं और न ही हरियाणा, पंजाब, हिमाचल से वाहन दिल्ली आ पा रहे हैं। न तो रोडवेज की बस चल रही हैं और न ही लोग निजी वाहनों से आवागमन कर पा रहे हैं। इस वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को कई-कई किलोमीटर पैदल चलकर रिक्शा आदि पकड़ने पड़ रहा है। एक हाथ में बच्चे को और दूसरे से सिर पर रखा सामान पकड़े महिलाएं जैसेतैसे खेतों के रास्ते से होते हुए दिल्ली पहुंच रहीं हैं। बुजुर्ग लोग भी भारी-भारी बैग लेकर कच्चे रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं। कई बुजुर्ग तो राष्ट्रीय राजमार्ग से उतरते समय गिर भी गए। छोटे बच्चों से इतनी दूर चला भी नहीं जा रहा है। इसके अलावा हरियाणा से दिल्ली नौकरी करने जाने वाले लोग भी इस प्रदर्शन की वजह से घर में बैठे हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों ओर ट्रकों की लंबी कतारें लगी हुईं हैं। बॉर्डर सील होने की वजह से मुकरबा चौक पर लोगों को जाम से भी जुझना पड़ रहा है। हरियाणा व पंजाब के वाहन आगे नहीं जा पा रहे हैं। इस वजह से वह मुकरबा चौक के फ्लाईओवर पर ही रुक जा रहे हैं। नतीजन जाम लग जा रहा है। शनिवार को मुकरबा चौक पर 5 मिनट का सफर तय करने में लोगों को घंटों लग गए। रोहिणी से आजादपुर व आजादपुर से अलीपुर जाने वाले रास्ते पर सबसे ज्यादा जाम रहा। हालांकि बाद में यातायात पुलिस की ओर से जाम खुलवा दिया।

भटकते रहे यात्री

जिन लोगों को हरियाणा के करनाल, यमुनानगर, अंबाला व पंजाब के जालंधर, लुधियाना आदि शहर जाना था, वह शनिवार को मुकरबा चौक पर इधर-उधर भटकते दिखे। न तो उनको दूसरे राज्यों में जाने के लिए बस मिल रही थी और न ही कोई निजी वाहन चालक उनकी मदद कर पा रहा था। बच्चों को लेकर वह कभी जीटीके डिपो तो कभी फ्लाईओवर की तरफ जा रहे थे, पर बॉर्डर सील होने की वजह से उन्हें निराशा ही हाथ लग रही थी।

 

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