देहरादून की गुलिस्तां अंजुम ने पीसीएस-जे में पाई सफलता, हिंदी मीडियम के स्कूलों से परहेज करने वालों को दिखाया आईना

आजकल अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में बच्चों को पढ़ाना स्टेटस सिंबल बन गया है। हालात यह हैं कि निम्न मध्यम वर्ग भी अपनी आर्थिक ताकत से बाहर जाकर अपने बच्चों के भविष्य की खातिर उनका दाखिला निजी स्कूलों में करा रहे हैं। पर दून के भुड्डी गांव के एक परिवार की बेटी गुलिस्तां अंजुम ने सरकारी व हिंदी मीडियम स्कूलों से परहेज करने वाले तमाम लोगों को आईना दिखाया है। उन्होंने उत्तराखंड न्यायिक सेवा (सिविल जज) परीक्षा में सफलता हासिल की है।

गुलिस्तां के पिता हाजी हुसैन अहमद सपा नेता एवं काश्तकार हैं। गुलिस्तां ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जीआइसी मलहान से की। इसके बाद डीएवी पीजी कॉलेज से स्नातक व एलएलबी की। उन्होंने 2017 में भी पीसीएस-जे की परीक्षा दी थी, पर कुछ अंकों से रह गई। इस दफा पूरी शिद्दत के साथ परीक्षा की तैयारी की और सफल भी हुईं। गुलिस्तां की चार बहन व एक भाई है। उनकी एक बहन जीनत एमए गोल्ड मेडलिस्ट हैं और खुद का स्कूल चलाती हैं।

भाई असद अहमद ने पहले ही प्रयास में पीसीएस क्लियर किया था। 2015 बैच के पीसीएस असद अब स्टेट जीएसटी हरिद्वार में तैनात हैं। गुलिस्तां ने साबित कर दिया कि उचित मार्गदर्शन मिले तो सरकारी स्कूलों के छात्र भी उच्चस्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। गुलिस्तां के गुरु एवं प्रयाग आइएएस एकेडमी के निदेशक आरए खान का कहना है कि निजी स्कूल या अंग्रेजी माध्यम से नहीं, बल्कि सफलता परिश्रम, लग्न व दृढ़ निश्चय के बूते मिलती है।

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