नि:स्वार्थ सेवा, देशप्रेम, एकता-अखंडता जैसे मूल्यों के लिए सतत् जारी है कांग्रेस का संघर्ष : सोनिया गांधी

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा, एक बार फिर देश में तानाशाही का आलम

नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सोमवार को अपना 136वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक इस सफर में कांग्रेस ने देश प्रेम, निडरता, नि:स्वार्थ जनसेवा, भाईचारा, एकता और अखंडता जैसे मूल्यों के लिए ही संघर्ष किया। कांग्रेस देशहित के लक्ष्य को लेकर चली थी और आज भी उसी निमित्त काम कर रही है। कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कार्यकर्ताओं के नाम जारी वीडियो संदेश में सोनिया ने कहा कि एक जन आंदोलन के रूप में शुरू हुई कांग्रेस के सामने आजादी के संघर्ष में ऐसे कई मोड़ आए जब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं पर अत्याचार किए गए लेकिन, कांग्रेस जन भारत की आजादी के अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटी। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को काला पानी की सजा हुई, वो जेल गए, लाठियां खाईं, गोलियों के आगे सीना तानकर खड़े हो गए। उनकी इस कुर्बानी के बल पर ही देश को आजादी हासिल हुई। आजादी के बाद भी कांग्रेस ने देशवासियों के साथ कदम से कदम मिलाकर मजबूत भारत की नींव रखी।

सोनिया गांधी ने आगे कहा, आज देश में एक बार फिर आजादी से पहले वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है। वर्तमान में भी जनता के अधिकारों को कुचला जा रहा है, हर ओर तानाशाही का आलम है। देश में बेरोजगारी चरम पर है, खेती-किसानी पर हमला बोला जा रहा है। काले कृषि कानूनों के जरिए अन्नदाताओं के अधिकारों को समाप्त करने का प्रयास हो रहा है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक बार फिर देश की तानाशाही ताकतों से लोहा लें और देश को बचाएं। उल्लेखनीय है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन 28 दिसम्बर 1885 को हुआ था। भारत की आजादी के आंदोलन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस पार्टी आज 135 साल की हो गई है। हालांकि 136वां स्थापना दिवस मना रही कांग्रेस अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। नेतृत्व को लेकर अंदरूनी घमासान और विगत चुनावों में पार्टी की स्थिति से इसके वजूद पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।

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