ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में शिकस्त देने वाली टीम इंडिया गुरुवार को स्वदेश लौट आई. ब्रिस्बेन में मेजबान टीम को 3 विकेट से मात देकर भारतीय टीम ने 2-1 से सीरीज पर कब्जा किया था.

भारतीय टीम दो महीने से भी अधिक लंबे दौरे पर 12 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी. भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरुआत 27 नवंबर को पहले वनडे मैच के साथ हुई थी.
ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने के बाद भारत लौटे धुरंधर विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि हमने ट्रॉफी बरकरार रखी. जिस तरह से हमने सीरीज खेली, उससे पूरी टीम बहुत खुश है.’
ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर भारतीय टीम के खिलाड़ियों को 14 दिन क्वारनटीन में रहना पड़ा था. हालांकि इस दौरान खिलाड़ियों को अभ्यास की अनुमति मिली थी. वनडे और टी-20 सीरीज के बाद चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी.
अजिंक्य रहाणे, पृथ्वी शॉ और टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया से मुंबई पहुंचे.
भारतीय टीम पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में महज 36 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी. इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलिया के साथ ही कई अन्य देशों के पूर्व क्रिकेटर भी भारत के 4-0 से ‘व्हाइटवॉश’ की भविष्यवाणी करने लगे थे.
लेकिन भारतीय टीम ने पलटवार करते हुए न सिर्फ दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में वापसी की, बल्कि प्रमुख खिलाड़ियों की चोट से जूझते हुए नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में सिडनी टेस्ट ड्रॉ कराया. और इसके बाद अंतिम मुकाबला जीतकर सीरीज भी अपने नाम कर ली.
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