मै मुसलमान हूं फिर भी बुतों पर फिदा हूं!

लोकप्रिय शायर मेयार स्नेही की स्मृति में कार्यक्रम

वाराणसी। ‘मेयार स्नेही काशी ही नहीं हिन्दुस्तान के लोकप्रिय शायर थे। वे एक सच्चे इंसान व लोगों के मददगार थे। उनकी शायरी में मानवता के लिए एक बडा संदेश था। उनका मानना था कि आज की दुनिया को सवाॅरने के लिए सबसे ज्यादा प्यार की जरूरत है और उसी का आभाव बना हुआ है।’ उपरोक्त बातें अशोक मिशन एजुकेशनल सोसाइटी एवं सेतु सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा ‘ यादें मेयार’ नाम से आयोजित श्रंद्धाजलि सभा में सोमवार को कादीपुर स्थित जन नाट्यशाला में विषय स्थापन करते हुए अशोक आनन्द ने कहा।

विषय को आगे बढाते हुए डा. महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, मेयार साहब ने प्रसिद्ध आलोचक चन्द्रबली सिंह के साथ गजल की बारीकियों को जाना समझा था। वे सच्चे इंसानियत के साथी थे। उनका मानना था कि मैं मुसलमान हूॅ फिर भी बुतों पर फिदा हूॅ। इस अवसर पर डा. उमेशचन्द्र वर्मा ने मेयार साहब की गजलों का पाठ किया। डा. संजय श्रीवास्तव, जवाहर लाल कौल, सलीम राजा, कुवर सिंह कुवर, शमीम गाजीपुरी एवं अजफर ने अपने उद्बोधन तथा कविताओं के माध्यम से मेयार साहब को श्रंद्धाजलि दी। कार्यक्रम का संचालन डा. राम सुधार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. मेजर अरविन्द कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर शोभना प्रधान, कामता प्रसाद, मुन्नालाल चैहान एवं क्षेत्रिय नागरिक उपस्थित रहे।

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