प्रदेश

BJP की अब विपक्ष पर नजर, अब केंद्र साधने की होगी कोशिश

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 और 29 जुलाई को लखनऊ के प्रवास में शहरी विकास का बिगुल बजाएंगे। बीते सवा माह में वह प्रदेश के चार अलग-अलग छोर पर विकासपरक योजनाओं के साथ विपक्ष पर करारा प्रहार कर आने वाले …

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विधानसभा चुनाव वाले तीन राज्यों में BSP ने लगायी अपनी पूरी ताकत

लखनऊ। छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश व राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी बेहद गंभीर है। पार्टी ने इन सभी राज्य में होने वाले चुनाव में अभी से अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सभी राज्यों …

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कुंभ 2019 से पहले अमित शाह करेंगे इलाहाबाद धार्मिक स्थलों का दौरा

इलाहाबाद। कुंभ 2019 से पहले केंद्र व प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह प्रयाग आ रहे हैं। वह संतों के सानिध्य में पूजा-पाठ में वक्त बिताएंगे। अभी तक उनकी यात्रा को लेकर अधिकृत सूचना नहीं है लेकिन …

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राहुल की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक जारी, मिशन 2019 पर चर्चा संभव

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नवनिर्मित कांग्रेस वर्किंग कमिटी को भूत, भविष्य और वर्तमान के बीच का पुल बताया। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के लोगों को शोषित भारतीयों के लिए काम करने की बात कही। इन विषयों पर चर्चा संभव कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मुख्य रूप से दो विषयों पर चर्चा होगी। पहली मौजूदा राजनीतिक हालात पर और दूसरा आगामी लोकसभा चुनाव यानी मिशन 2019 पर। माना जा रहा है कि बैठक में शुक्रवार को संसद में गिरे विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए आने वाले दिनों में राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में होने वाले चुनाव काफी अहम हैं। ऐसे में वर्किंग कमेटी की बैठक में इस पर भी बात हो सकती है। सूत्रों की मानें तो नई कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बैठक का कोई विशेष एजेंडा नहीं है, केवल मौजूदा राजनीतिक हालात और आने वाले चुनावों को लेकर बात होगी। मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बोले राहुल गांधी, सबको साथ लेकर चलेंगे यह भी पढ़ें नई सीडब्यूसी का गठन राहुल गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और राज्य प्रभारियों से कल करेंगे मुलाकात यह भी पढ़ें हाल ही में राहुल गांधी ने नई सदस्यीय कार्यसमिति का गठन किया था। नई सीडब्लूसी में कुल 51 सदस्य हैं। इनमें 23 सदस्य, 18 स्थाई सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि राहुल गांधी ने पहली बार कांग्रेस के मोर्चा संगठनों यानी यूथ कांग्रेस, एनएसयूआइ, महिला कांग्रेस, इंटक और सेवा दल के अध्यक्षों को सीडब्लूसी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया है। अभी तब ये विस्तारित सीडब्लूसी समिति के सदस्य होते थे। नई कार्यसमिति में कौन-कौन शामिल 'नफरत से नहीं प्यार से जीतेंगे'...झप्पी पर कांग्रेस का पोस्टर वॉर शुरू यह भी पढ़ें नई कार्यसमिति में मल्लिकार्जुन खड़गे, तरुण गोगोई, हरीश रावत, ओमान चांडी, कुमारी शैलजा, अशोक गहलोत, केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे, दीपक बावरिया, आदि की एंट्री हुई है। सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी आदि वरिष्ठ नेता कांग्रेस कार्यसमिति में बने हुए हैं। शीला दीक्षित, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला आदि कांग्रेस कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। नई कांग्रेस कार्यसमिति में दिग्विजय सिंह, जनार्दन द्विवेदी जैसे दिग्गजों को जगह नहीं मिल पाई।

राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक जारी। राहुल के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद यह CWC की पहली बैठक है। बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और …

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चन्दन मित्रा हुए तृणमूल में शामिल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को शहीद दिवस रैली निकाली, जिसमे उन्होंने मोदी सरकार को जमकर कोसा. इस रैली के बाद भाजपा के नेता और पूर्व संसद चन्दन मित्रा ने बीजेपी का साथ छोड़, ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से नाता जोड़ लिया. इस बात की पुष्टि खुद तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने रैली के दौरान मंच पर खड़े होकर की. गौरतलब है कि चन्दन मित्रा बीजेपी के नेता और दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं. चन्दन मित्रा एक समाचार पत्र के प्रबंध निदेशक और संपादक भी हैं, उन्होंने इसी हफ्ते की शुरुआत में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था. 2003 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था, 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के हुगली क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था. आपको बता दें कि सिर्फ भाजपा के चन्दन मित्रा ही तृणमूल में शामिल नहीं हुए हैं, बल्कि कांग्रेस के भी 4 विधायक समर मुखर्जी , अबु ताहिर , सबीना यास्मीन और अखरूजमां ने ममता का दमन थम लिया है. अब इसमें सोचने वाली बात ये है, कि एक तरफ तो तृणमूल, महागठबंधन में कांग्रेस के साथ है और एक साथ चुनाव लड़ने का दावा भी कर रहे हैं, वहीँ दूसरी और कांग्रेस के विधायक अपनी पार्टी छोड़ तृणमूल का हाथ पकड़ रहे हैं, समझ नहीं आता कि जब ये सब साथ ही हैं तो इस दलबदली का क्या राज़ है

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को शहीद दिवस रैली निकाली, जिसमे उन्होंने मोदी सरकार को जमकर कोसा. इस रैली के बाद भाजपा के नेता और पूर्व संसद चन्दन मित्रा ने बीजेपी का साथ छोड़, ममता की पार्टी …

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आम आदमी पार्टी सभालेगी विपक्षी महागठबंधन मोर्चा

देश में अगले साल चुनाव होने जा रहे है. ऐसे में मौजूदा मोदी सरकार का पलड़ा भारी पड़ता नज़र आ रहा है. जो कि लोकसभा सदन में भी देखा जा चूका है. इन सब के बीच विपक्ष की पार्टियों ने भी 2019 के लिए कमर कस ली है. इन सब विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन की अगुवाई करने का फैसला लिया है आम आदमी पार्टी ने. पाक चुनाव में आतंकी भूमिका पर अमेरिका चिंतित ईमानदारी की राजनीति का भाषण देने वाली आम आदमी पार्टी को भी अब इस महागठबंधन में शामिल होने वाली पार्टियों से भी परहेज नहीं है. पार्टी को अब न तो कांग्रेस से परहेज है और न ही लालू प्रसाद यादव की आरजेडी से. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि अब भी समय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा छोड़ विपक्षी एकता में शामिल हो जाएं, क्योंकि 2019 में केंद्र से नरेंद्र मोदी सरकार का जाना तय है. चीन और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालात गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस के विरोध में की थी और चूंकि लालू प्रसाद इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में सजा काट रहे हैं, इसलिए उनकी पार्टी से नजदीकी दिखाना आम आदमी पार्टी की राजनीति में एक बहुत बड़ा बदलाव है. देखना यह होगा कि आम आदमी पार्टी अपने वादों के खिलाफ जाकर इन पार्टियों के साथ कहा तक चल पाती है.

देश में अगले साल चुनाव होने जा रहे है. ऐसे में मौजूदा मोदी सरकार का पलड़ा  भारी पड़ता नज़र आ रहा है. जो कि लोकसभा सदन में भी देखा जा चूका है. इन सब के बीच विपक्ष की पार्टियों ने …

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राहुल-मोदी के मिलन पर शिवसेना की चुटकी कहा- भाई तू तो छा गया…

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर कल चली बहस के बीच राहुल गांधी ने जो कुछ भी किया उस पर उनकी आलोचना और तारीफें बराबर हो रही हैं. कोई उन्हें इस काम के लिए जमकर कोस रहा हैं तो कोई उनका समर्थन भी जमकर कर रहा हैं. बाबा रामदेव ने भी इस पर राहुल की तारीफ की. वहीं अब भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी इस पर चुटकी लेते हुए राहुल की तारीफ़ की है. उजागर हुआ राहुल का राज संसद में क्यों मारी थी आंख शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में राहुल की तारीफ़ की है. जहां उन्होंने मुखपत्र के पहले पन्‍ने की हेडलाइन में लिखा है-'भाई, तू तो छा गया...' साथ ही राहुल के भाषण में 'देश के चौकीदार कहनेवाले उद्योगपतियों के भागीदार बन गए हैं...' जुमले को भी हाईलाइट किया गया है. बता दे कि अविश्वास प्रस्ताव में फ़िलहाल मोदी सरकार पास हो गई है. यह भी बता दे कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में शिवसेना ने हिस्सा नही लिया था. राहुल की झप्पी के मुरीद हुए रामदेव गौरतलब है कि राहुल ने कल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण की समाप्ति के बाद पीएम मोदी की सीट पर जाकर उन्हें गले लगाया था. यहां कुछ समय के लिए मोदी थोड़े सख्त नजर आए. लेकिन बाद में उन्होंने राहुल को पुनः बुलाकर उनसे हाथ मिलाया और उनकी पीठ थपथपाई. यहां तक सब ठीक रहा. लेकिन जब राहुल गांधी अपनी सीट पर जाकर बैठे तब उन्होंने अपने कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें थम्स अप किया. इस पर राहुल ने हंसते हुए उनके आंख मार दी.

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर कल चली बहस के बीच राहुल गांधी ने जो कुछ भी किया उस पर उनकी आलोचना और तारीफें बराबर हो रही हैं. कोई उन्हें इस काम के लिए जमकर कोस रहा हैं तो कोई उनका …

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अविश्वास प्रस्ताव पर नीतीश ने साफ किया अपना रुख

बिहार NDA पर जारी तमाम अटकलों के बीच मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान करेगी. यह एक इशारा भी है कि नीतीश फिलहाल बीजेपी का साथ छोड़ने के मूड में नहीं है . भाजपा की राजद के साथ मिलीभगत- जेडीयू शिव सेना ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में सरकार का साथ देने के बदले वाकआउट के निर्णय पर नीतीश कुमार ने कहा, "उनका फैसला वो जानें, हम लोग तो सरकार के साथ हैं." तेजाब और बलात्कार पीड़िता को दस हजार रुपये प्रतिमाह आजीवन हालांकि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा, "चंद्रबाबू की तरह नीतीश कुमार रणछोड़ नहीं हैं, जो मैदान छोड़कर भाग जाएं. नीतीश कुमार यहीं रहेंगे, सरकार को जितवाएंगे और अपनी बातें मजबूती से रखेंगे. ये वक्त सरकार के साथ सौदे का नहीं, मजबूती से खड़े होने का है. विश्वास मत जीतने के बाद कल से हम नए तेवर के साथ मुखर और संघर्षरत होंगे​."

बिहार NDA पर जारी तमाम अटकलों के बीच मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान करेगी. यह एक इशारा भी है कि नीतीश  फिलहाल …

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पीएम मोदी ने दिए ऐसे जवाब राहुल हुए हैरान परेशान

-राहुल गाँधी ने अपने भाषण में कहा था कि यह चौकीदार नहीं भागिदार है. जिसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम चौकीदार भी हैं, भागीदार भी हैं, लेकिन आपकी तरह हम सौदागर नहीं हैं, ठेकेदार नहीं हैं. -नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के भाषण पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, 'आज यहां एक बात और कही गई कि पीएम अपनी आंख में मेरी आंख भी नहीं डाल सकते. माननीय अध्यक्ष महोदय सही है, हम कौन होते हैं, जो आपकी आंख में आंख डाल सकें, कोई गरीब मां का बेटा, पिछड़ी जाति का है. आप नामदार हैं, हम कामगार हैं, आंख में आंख नहीं डाल सकते.' -पीएम मोदी ने कहा, 'सभी जानते हैं कि आंख में आंख डालने वालों को कैसे अपमानित किया जाता है. हम तो कामदार हैं, भला हम नामदार के आंख में आंख कैसे डाल सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक मत कहिए. -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक मत कहिए. -यहाँ पर सबसे मजेदार किस्सा यह रहा- राहुल गांधी के गले मिलने पर पीएम मोदी बोले- 'कुर्सी पर पहुंचने की जल्‍दबाजी है.'

-राहुल गाँधी ने अपने भाषण में कहा था कि यह चौकीदार नहीं भागिदार है. जिसके जवाब में  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम चौकीदार भी हैं, भागीदार भी हैं, लेकिन आपकी तरह हम सौदागर नहीं हैं, ठेकेदार नहीं हैं. -नरेंद्र मोदी …

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अविश्वास प्रस्ताव : क्या पीएम मोदी के पास हैं ओवेसी के इन सवालों का जवाब

अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाले (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओवेसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल किये. ख़ास बात तो यह है कि ओवेसी ने अपनी बात लगभग तीन मिनट के अंदर ही खत्म कर दी जिसकी तारीफ सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने जमकर की. तो चलिए जानते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओवेसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कौन से सवाल किये. 1. ओवेसी का सबसे पहले सवाल यह था कि प्रधानमंत्री अपने विदेश दौरों में 1400 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं. लेकिन आज तक कुछ नहीं पाया. उन्होंने कहा कि श्रीलंका हो या फिर नेपाल हो सभी चीन की गोद में बैठे हैं. 2. दलितों से मोहब्बत के इतने बड़े-बड़े दावे किए लेकिन जिसने एससी एसटी एक्ट के खिलाफ जजमेंट दिया उसी को आपकी सरकार ने एनजीटी का चेयरमैन बनाया आखिर ऐसा क्यों? 3. ओवेसी ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि ये नियम है कि 15 प्वाइंट एजेंडे के लिए तीन महीने में एक बार कैबिनेट सेकेट्री मीटिंग लेगा. लेकिन पिछले चार साल में एक भी मीटिंग नहीं हुई. 4. अगर प्रधानमंत्री मुसलमानों के हाथ में कुरान और कम्प्यूटर देखना चाहते हैं तो क्या वजह हैं कि प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक के लिए स्कॉलरशिप का आवंटन है. 5. ये किस तरह की पॉलिसी है, जिस पर फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दर छह प्रतिशत है और महंगाई की दर भी छह प्रतिशत है.

अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाले (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओवेसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी …

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