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पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराने के पीछे की कहानी

सुप्रीम कोर्ट ने एक जन हित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करना पड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी मुश्किल से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव और मायावती ने अपने सरकारी बंगलों को खाली किया. दरअसल सुप्रीम कोर्ट का ये निर्णय जनहित में होकर अति विशिष्ट व्यक्तियों की संस्कृति के खिलाफ भी था. लेकिन बहुत कम लोगों को जानकारी है कि जिस जनहित याचिका को कोर्ट में दाखिल किया था वे लोक प्रहरी रिटायर आईएएस एसएन शुक्ला हैं . आपको बता दें कि 75 वर्षीय एस एन शुक्ला सेवा निवृत्ति के 15 सालों बाद भी लोकतंत्र को मजबूत करने की लड़ाई लड़ रहे हैं . सरकारी बंगलों पर कब्जा करने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में अखिलेश यादव, मायावती, एनडी तिवारी, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम थे. जो सालों से सरकारी बंगलों में रह रहे थे.इनको यहां से बेदखल करने का श्रेय इन्हीं को जाता है.एस एन शुक्ला समाजसेवी के अलावा वकील और पूर्व आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं. आपको बता दें कि यह एनजीओ जो कुछ पूर्व आईएएस अधिकारियों, जज और दूसरे सरकारी अधिकारियों ने मिलकर बनाया था , जिससे शुक्ला 2003 में जुड़ गए थे.पूर्व सीएम से बंगले खाली करवाने के अलावा इस एनजीओ ने 2013 में अदालत में दोषी नेताओं के खिलाफ याचिका दर्ज की थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सज़ायाफ्ता सांसद या विधायक सजा की तारीख से पद पर रहने के अयोग्य होंगे.इसके अलावा इसी एनजीओ ने 2015 में अदालत में चुनाव के समय नेताओं की पत्नियों और संबंधियों की संपत्ति के स्त्रोतों की जानकारी देने की भी मांग की थी.जिसे कोर्ट के आदेश से लागू किया गया. यह भी देखें

सुप्रीम कोर्ट ने एक जन हित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करना पड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी मुश्किल से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव और मायावती ने अपने …

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ज़हरीली होती भोपाल की हवा, इंदौर फिर भी बेहतर

विश्व पर्यावरण दिवस पर अगर बात राजधानी भोपाल कि जाये तो स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 और 2018 में लगातार भोपाल देश में दूसरे स्थान पर काबिज रहा मगर वायु प्रदूषण के आंकड़े जरा उलट है. भोपाल में वायु प्रदुषण लगातार बढ़ रहा है. वही इंदौर इस मामले में सुधार की ओर अग्रसर है. जानकारी मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (पीसीबी) की रिपोर्ट से ली गई है जिसके अनुसार भोपाल शहर में 6 स्थानों पर वायु मापन केंद्र बनाए गए हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के आंकड़ों में रेस्पायरेबल सस्पेंडेड पार्टीकुलर मेटर (आरएसपीएम-10) यानी बड़े धूल के कण और पीएम 2.5 (धूल के सूक्ष्म कण) के परिणाम सबसे अधिक पाए गए हैं. वर्ष 2018 में जनवरी से जून महीने तक प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ मिला है. जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में एक्यूआई के आंकड़े संतोषजनक थे. रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक प्रदूषण हमीदिया रोड, कोलार रोड, बैरागढ़, गोविंदपुरा, होशंगाबाद रोड पर है. सिर्फ पर्यावरण परिसर (अरेरा कॉलोनी) क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक व अच्छा मिला है. वहीं, इंदौर में विजय नगर, सांवेर रोड, कोठारी मार्केट में वायु प्रदूषण मापक उपकरण लगाए गए हैं.यहां वर्ष 2017 और 18 की रिपोर्ट आशा से बेहतर है. पीसीबी के मानकों के मुताबिक 0 से 50 एक्यूआर इंडेक्स तक की हवा को अच्छा और श्वसन के लिए बेहतर माना जाता है. भोपाल में अगर वायु प्रदुषण के कारण की बात करे तो रिपोर्ट के अनुसार हमीदिया रोड, कोलार, बैरागढ़ और होशंगाबाद रोड पर वाहनों की संख्या के कारण धुआं और धूल के कण हवा में घुलते हैं. सड़क के किनारे या सेंट्रल वर्ज पर पौधे नहीं हैं. सड़क की नियमित सफाई और धुलाई नहीं होने से धूल के कण हवा में लगातार उड़ते रहते हैं. जिससे आरएसपीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ी हुई है.

विश्व पर्यावरण दिवस पर अगर बात राजधानी भोपाल कि जाये तो स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 और 2018 में लगातार भोपाल देश में दूसरे स्थान पर काबिज रहा मगर वायु प्रदूषण के आंकड़े जरा उलट है. भोपाल में वायु प्रदुषण लगातार बढ़ …

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पीएम मोदी के बयान से खुश है चीन, कहा- साथ काम करने को तैयार

पीएम नरेंद्र मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में चीन-भारत के संबंधों को लेकर कई सकारात्‍मक बातें कही थीं. अब चीन ने भी इन बातों का स्‍वागत किया है. पीएम मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में कहा था, 'भारत और चीन के साथ मिलकर काम करने से एशिया और दुनिया का भविष्‍य बेहतर होगा.' बता दें, पीएम के इस बयान का चीन ने स्‍वागत किया है और भारत के साथ काम करने की इच्छा भी जताई है. चीन के विदेश मंत्रायल के प्रवक्‍त ने कहा कि, 'हम ऐसी सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना करते हैं. दोनों देश अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर सकारात्‍मक हैं. चीन भारत के साथ काम करने को तैयार हैं.' गौरतलब है कि, पीएम मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में कहा था कि दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाले इन दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है. भारत और चीन आपस के मुद्दों को सुलझाने के लिए विचार कर रहे हैं. बता दें, अप्रैल के अखि‍री हफ्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय अनौपचारिक दौरे पर चीन गए थे. वहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ करीब नौ घंटे बिताए थे. इस बीच दोनों नेताओं ने एक साथ चाय की चुस्की ली और लंच किया. हालांकि इस मीटिंग में न तो कोई समझौता हुआ और न ही दोनों नेताओं ने ज्वॉइंट स्टेटमेंट जारी किया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में चीन-भारत के संबंधों को लेकर कई सकारात्‍मक बातें कही थीं. अब चीन ने भी इन बातों का स्‍वागत किया है. पीएम मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में कहा था, ‘भारत और चीन के साथ …

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पाकिस्तानी सेना ने दी गीदड़ भभकी, परमाणु संपन्न देश होने का भरा दंभ

पाकिस्तान ने एक बार फिर जहरीली जुबान का इस्तेमाल किया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान भी परमाणु संपन्न देश है, इसलिए भारत को समझना होगा कि वो कहां जाना चाहता है. इतना ही नहीं, मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि भारत की तरफ से अगर पहली गोली चली तो हम शांत नहीं बैठेंगे. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि भारत को ये समझना होगा कि वो कहां जाना चाहता है. हम दो न्यूक्लियर पावर देश हैं. जंग के लिए कोई जगह नहीं है. अगर वो सोचते हैं कि बॉर्डर के हालात उन्हें बेहतर रास्ते पर लेकर जा रही है तो फिर वही हो जाएगा. उस सूरत में हम कोई संयम नहीं बरतेंगे. पाकिस्तान इससे पहले भी कई बार भारत को गीदड़ भभकी दे चुका है. कई बार उसने अपनी परमाणु ताकत का जिक्र किया है. बीते दिनों पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी पाक की परमाणु ताकत पर बयान दिया था. नवाज ने कहा था कि भारत के परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने भी परमाणु परीक्षण किया, जिसके बाद से भारत का रवैया पाकिस्तान के प्रति बदल गया. नवाज ने ये भी कहा था कि वह परीक्षण उनकी वजह से ही हो सका है. उन्होंने दावा किया था कि उनकी बदौलत ही आज पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है. इधर हाल के दिनों में सीमा पर सीजफायर की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. भारतीय सेना ने भी पाक रेंजर्स को माकूल जवाब दिया है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति की बहाली के लिए पाकिस्तान के अनुरोध के बाद बीएसएफ और पाक रेंजर्स में सीजफायर पर सहमति के कुछ घंटे के भीतर ही पाक सेना के प्रवक्ता का यह बयान आया है. पाकिस्तान ने एक बार फिर जहरीली जुबान का इस्तेमाल किया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान भी परमाणु संपन्न देश है, इसलिए भारत को समझना होगा कि वो कहां जाना चाहता है. इतना ही नहीं, मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि भारत की तरफ से अगर पहली गोली चली तो हम शांत नहीं बैठेंगे. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि भारत को ये समझना होगा कि वो कहां जाना चाहता है. हम दो न्यूक्लियर पावर देश हैं. जंग के लिए कोई जगह नहीं है. अगर वो सोचते हैं कि बॉर्डर के हालात उन्हें बेहतर रास्ते पर लेकर जा रही है तो फिर वही हो जाएगा. उस सूरत में हम कोई संयम नहीं बरतेंगे. पाकिस्तान इससे पहले भी कई बार भारत को गीदड़ भभकी दे चुका है. कई बार उसने अपनी परमाणु ताकत का जिक्र किया है. बीते दिनों पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी पाक की परमाणु ताकत पर बयान दिया था. नवाज ने कहा था कि भारत के परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने भी परमाणु परीक्षण किया, जिसके बाद से भारत का रवैया पाकिस्तान के प्रति बदल गया. नवाज ने ये भी कहा था कि वह परीक्षण उनकी वजह से ही हो सका है. उन्होंने दावा किया था कि उनकी बदौलत ही आज पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है. इधर हाल के दिनों में सीमा पर सीजफायर की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. भारतीय सेना ने भी पाक रेंजर्स को माकूल जवाब दिया है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति की बहाली के लिए पाकिस्तान के अनुरोध के बाद बीएसएफ और पाक रेंजर्स में सीजफायर पर सहमति के कुछ घंटे के भीतर ही पाक सेना के प्रवक्ता का यह बयान आया है.

पाकिस्तान ने एक बार फिर जहरीली जुबान का इस्तेमाल किया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान भी परमाणु संपन्न देश है, इसलिए भारत को समझना होगा कि वो कहां जाना चाहता है. …

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सबसे कम उम्र की आतंकी है यह लड़की

एक सनसनीखेज केस पर फैसला सुनते हुए ब्रिटेन की एक अदालत ने 18 साल की एक लड़की को आतंकी हमले की योजना बनाने का दोषी करार दिया है. अदालत ने उसे ब्रिटिश म्यूजियम पर हमले की योजना बनाने का जिम्मेदार बताते हुए उसे दोषी करार दिया. इस फैसले के बाद लड़की को इस्लामिक स्टेट की सबसे कम उम्र की दोषी ब्रिटिश आतंकी होने का कथित तमगा भी मिल गया. खबर के मुताबिक, ओल्ड बैली स्थित एक ज्यूरी ने उसे आतंकवाद के 2 आरोपों में दोषी ठहराया. रिपोर्ट में कहा गया कि उसे 6 हफ्ते के अंदर सजा सुनाई जाएगी. साल 2015 में बाउलार पेरिस में हुए आतंकी हमलों के बाद आतंकियों के ऑनलाइन संपर्क में आकर कट्टरपंथ की शिकार हो गई थी. उस समय वह 16 साल की थी. लड़की का नाम सफा बाउलार है और वह सीरिया जाकर आईएस के साथ जुड़ कर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की मंशा रखती थी. अदालत के अनुसार आईएस के आतंकी जो उसका प्रेमी भी था के मारे जाने के बाद वह लंदन पर आतंकी हमला करने की जुगत में थी और सक्रियता से अपने काम को अंजाम देने में लगी हुए थी. गौरतलब है कि देश और दुनिया में फैले ज्यादातर आतंकी संगठन लगातार युवाओं को निशाना बना कर उन्हें अपने साथ शामिल करने कि मुहीम में जुटे है.

एक सनसनीखेज केस पर फैसला सुनते हुए ब्रिटेन की एक अदालत ने 18 साल की एक लड़की को आतंकी हमले की योजना बनाने का दोषी करार दिया है. अदालत ने उसे  ब्रिटिश म्यूजियम पर हमले की योजना बनाने का जिम्मेदार …

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राम देव से मिलना करोड़ों लोगों से मिलने के बराबर – अमित शाह

समर्थन के लिए संपर्क अभियान के तहत अमित शाह ने सोमवार को योग गुरु रामदेव से मिलने के बाद कहा कि योग गुरु से मिलना करोड़ों लोगों से मिलने के समान है. बता दें कि इस दौरान शाह ने केंद्र की मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियां गिनाने के लिए सम्पर्क किया. बता दें कि इस मौके पर बाबा रामदेव ने पीएम मोदी की खूब प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने देश को उस समय नया रास्ता दिखाया जिस समय पूरे देश में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. उन्होंने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए एसआईटी गठित की और कई नए कानून भी बनाए. उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की समर्थन के लिए सम्पर्क अभियान के तहत देश की 50 चुनिंदा हस्तियों से मुलाकात करने की योजना है . वे अब तक पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप और पूर्व क्रिकेटर कपिल देव से मिल चुके हैं . अमित शाह ने कल देर शाम सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस आरसी लाहोटी से नोएडा स्थित उनके आवास पर भेंट कर मोदी सरकार द्वारा पिछले चार साल में उठाए गए ऐतिहासिक कदमों और उपलब्धियों की जानकारी दी . यह जानकारी शाह ने अपने ट्वीट में दी

समर्थन के लिए संपर्क अभियान के तहत अमित शाह ने सोमवार को योग गुरु रामदेव से मिलने के बाद कहा कि योग गुरु से मिलना करोड़ों लोगों से मिलने के समान है. बता दें कि इस दौरान शाह ने केंद्र …

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कर्नाटक: मंत्रिमंडल का विस्तार कल संभव

खबर थी कि कर्नाटक में मंत्रिमंडल का विस्तार 5 जून को किया जाना है. मगर अब किन्ही करने से यही नहीं हो सका और इसके लिए कल यानी 6 जून को संभावना ये जताई जा रही है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 6 जून को मंत्रिमंडल का पहला विस्तार संभव है. गौरतलब है कि मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-जेडी(एस) के बीच खींचतान अब सुलझ गई है और कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में दोनों दलों में विभागों के बंटवारे पर सहमति बन गई है.सूत्रों की मानें तो दोनों पार्टियां अपने-अपने कोटे के 2-3 पद खाली रखेगी. कांग्रेस के 22 में ले 19-20 और जेडीएस के 12 में से 9-10 मंत्री शपथ ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि ऊर्जा मंत्रालय को लेकर दोनों पार्टी में खींचतान चल रही है. फ़िलहाल कांग्रेस को गृह, सिंचाई, बेंगलुरु डेवलेपमेंट, उद्योग एवं शुगर इंडस्ट्री, स्वास्थ्य, राजस्व, समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण जैसे 22 मंत्रालय देने कि बात चल रही है वही जेडीएस के हिस्से में सूचना विभाग, खुफिया विभाग, वित्त एवं आबकारी, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, पर्यटन, कॉपरेशन, शिक्षा एवं मेडिकल शिक्षा, पशुपालन, बागवानी, छोटे उद्योग, परिवहन विभाग सहित 12 मंत्रालय दिए जाने पर सहमति बनी है. कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि कुमार स्वामी को बतौर मुख्यमंत्री पांच तक समर्थन दिया जायेगा. दोनों पार्टियां मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. सारे अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने कहा था कि हमारा फोकस केवल विभागों के बंटवारे पर नहीं है. गठबंधन को मजबूत बनाने और दोनों दलों में बेहतर तालमेल के लिए एक को-ऑर्डिनेशन कमिटी के साथ ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने जा रहे हैं. अहम मंत्रालयों को लेकर कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच बात बन गई है. वित्त मंत्रालय जेडी(एस) के पास रहेगा, वहीं गृह मंत्रालय कांग्रेस के मंत्री संभालेंगे. जेडी(एस) के महासचिव ने दानिश अली ने बताया, 'सभी मसलों को सुलझाकर गठबंधन सरकार को पांच साल तक कांग्रेस समर्थन देने के लिए राजी है और यह फैसला लिखित रूप में ऐलान किया जाएगा. हम चाहते हैं हर चीज लिखित हो, जिससे सरकार चलाने में मदद मिले. दोनों दलों के बीच यह सहमति बन गई है कि एचडी कुमारस्वामी ही पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे.खबर थी कि कर्नाटक में मंत्रिमंडल का विस्तार 5 जून को किया जाना है. मगर अब किन्ही करने से यही नहीं हो सका और इसके लिए कल यानी 6 जून को संभावना ये जताई जा रही है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 6 जून को मंत्रिमंडल का पहला विस्तार संभव है. गौरतलब है कि मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-जेडी(एस) के बीच खींचतान अब सुलझ गई है और कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में दोनों दलों में विभागों के बंटवारे पर सहमति बन गई है.सूत्रों की मानें तो दोनों पार्टियां अपने-अपने कोटे के 2-3 पद खाली रखेगी. कांग्रेस के 22 में ले 19-20 और जेडीएस के 12 में से 9-10 मंत्री शपथ ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि ऊर्जा मंत्रालय को लेकर दोनों पार्टी में खींचतान चल रही है. फ़िलहाल कांग्रेस को गृह, सिंचाई, बेंगलुरु डेवलेपमेंट, उद्योग एवं शुगर इंडस्ट्री, स्वास्थ्य, राजस्व, समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण जैसे 22 मंत्रालय देने कि बात चल रही है वही जेडीएस के हिस्से में सूचना विभाग, खुफिया विभाग, वित्त एवं आबकारी, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, पर्यटन, कॉपरेशन, शिक्षा एवं मेडिकल शिक्षा, पशुपालन, बागवानी, छोटे उद्योग, परिवहन विभाग सहित 12 मंत्रालय दिए जाने पर सहमति बनी है. कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि कुमार स्वामी को बतौर मुख्यमंत्री पांच तक समर्थन दिया जायेगा. दोनों पार्टियां मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. सारे अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने कहा था कि हमारा फोकस केवल विभागों के बंटवारे पर नहीं है. गठबंधन को मजबूत बनाने और दोनों दलों में बेहतर तालमेल के लिए एक को-ऑर्डिनेशन कमिटी के साथ ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने जा रहे हैं. अहम मंत्रालयों को लेकर कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच बात बन गई है. वित्त मंत्रालय जेडी(एस) के पास रहेगा, वहीं गृह मंत्रालय कांग्रेस के मंत्री संभालेंगे. जेडी(एस) के महासचिव ने दानिश अली ने बताया, 'सभी मसलों को सुलझाकर गठबंधन सरकार को पांच साल तक कांग्रेस समर्थन देने के लिए राजी है और यह फैसला लिखित रूप में ऐलान किया जाएगा. हम चाहते हैं हर चीज लिखित हो, जिससे सरकार चलाने में मदद मिले. दोनों दलों के बीच यह सहमति बन गई है कि एचडी कुमारस्वामी ही पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे.

खबर थी कि कर्नाटक में मंत्रिमंडल का विस्तार 5 जून को किया जाना है. मगर अब किन्ही करने से यही नहीं हो सका और इसके लिए कल यानी 6 जून को संभावना ये जताई जा रही है. सूत्रों के हवाले …

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एनडीए गठबंधन में तनातनी, जेडीयू बोली नीतीश है बॉस

देश में आम चुनावों की दस्तक साफ तौर पर देश की राजनीतिक पार्टियों में देखी जा सकती है. एक तरफ जहाँ एक विचारधारा की विपक्षी पार्टियों ने मिलकर महागठबंधन की घोषणा कर दी वहीं एनडीए ने भी आगामी चुनावों लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी है. अब एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार में पेंच फंसता जा रहा है. एक तरफ जहाँ एनडीए समर्थित पार्टी जेडीयू अपने लिए ज्यादा सीटों की मांग कर रही है वहीं बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे को लेकर बिहार में अपना हक मांग रही है. बता दें, हाल ही में आये बिहार के जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव के परिणामों में एनडीए के उम्मीदवार को आरजेडी की तरफ से हार का सामना करना जिसके बाद यहाँ पर सीटों की तनातनी शुरू हो गई है. जेडीयू का कहना है कि बिहार में एनडीए का मुख्य चेहरा नीतीश कुमार है इस हिसाब से उन्हें ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए, वहीं बीजेपी अपने 2014 के चुनावों का जिक्र करते हुए लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को आगे कर रही है. इस बारे में सबसे अहम सवाल जो पैदा हो रहा है वो यह है कि इन चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर आधार किसे बनाया जाएगा? जेडीयू के 2014 के ख़राब प्रदर्शन को या फिर 2019 में जेडीयू और बीजेपी ने साथ में चुनाव लड़ा था उसके परिणामों को, या फिर 2015 में बिहार में हुए विधानसभा चुनावों को, जिसमें जेडीयू ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और आरजेडी के साथ गठबंधन कर लिया था. अब देखने वाली बात यह होगी कि एनडीए समर्थित इन पार्टियों में सुलह किस नतीजे पर पहुंचकर होती है.

देश में आम चुनावों की दस्तक साफ तौर पर देश की राजनीतिक पार्टियों में देखी जा सकती है. एक तरफ जहाँ एक विचारधारा की विपक्षी पार्टियों ने मिलकर महागठबंधन की घोषणा कर दी वहीं एनडीए ने भी आगामी चुनावों लेकर …

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रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा पर NHRC ने ममता सरकार पर उठाए सवाल

रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के रानीगंज और आसनसोल में भड़की हिंसा पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राज्य की ममता सरकार पर सवाल उठाए हैं. आयोग की ओर से कहा गया है कि हालात से निपटने में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां नाकाम रहीं. साथ ही पुलिस हिंसा पीड़ितों की सुरक्षा करने की बजाय खुद को सुरक्षित रखने में लगी रही. मानव अधिकार आयोग ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि 28 मार्च रात आसनसोल में भड़की हिंसा प्रशासनिक विपलता का साफ उदाहरण हैं. पुलिस ने हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए इसी वजह से स्थानीय लोगों को खुद भागकर अपनी जान बचानी पड़ी. कई परिवार तो ऐसे हैं जो अभी तक वापस अपने घर नहीं लौटे, यहां तक कि पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत भी नहीं दर्ज की. आयोग की टीम के दौरे से पहले रानीगंज में 3 और आसनसोल में 11 FIR दर्ज की गई थीं लेकिन वहां जाने पर पीड़ितों ने कहा कि वह शिकायत दर्ज कराने तो गए थे लेकिन पुलिस ने अबतक उनका बयान तक नहीं दर्ज किया है. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य पुलिस ने हिंसा के दौरान दर्ज 14 मामलों में सिर्फ एक मामले में ठीक ढंग से सबूत जुटा पाई है. इसके अलावा पुलिस के बैकअप प्लान पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं. घटना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा तक नहीं किया. आयोग ने मांगी रिपोर्ट आयोग ने अब राज्य के चीफ सेक्रेटरी और ममता सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही इस मामले में दर्ज सभी FIRs का ब्यौरा और हर शिकायत की अलग से FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा एक टीम का गठन कर पीड़ितों को होने वाले नुकसान का ब्यौरा जमा करने के लिए भी कहा गया है. केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी लगातार हिंसा को लेकर ममता सरकार पर सवाल उठाती रही है. पार्टी का दावा है कि ममता सरकार का पुलिसिया तंत्र पूरी तरह विफल रहा है और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के इशारों पर काम कर रहा है. अब इस रिपोर्ट के जरिए बीजेपी को टीएमसी सरकार पर घेरने का एक और मौका मिल गया है. राज्य में चुनावों से पहले बीजेपी लगातार अपनी पकड़ बढ़ा रही है. बता दें कि रामनवमी के मौके पर जुलूस को लेकर बर्धमान जिले के रानीगंज इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. हालात आगजनी और फायरिंग तक पहुंच गए थे. पुलिस ने हिंसा के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. पूरे सूबे में बीजेपी और उससे जुड़े हिंदुवादी संगठनों ने रामनवमी के मौके पर तलवार और दूसरे हथियारों के साथ जुलूस निकाला था.

रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के रानीगंज और आसनसोल में भड़की हिंसा पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राज्य की ममता सरकार पर सवाल उठाए हैं. आयोग की ओर से कहा गया है कि हालात से निपटने में पुलिस …

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शरद पवार के ऑफर के बीच शिवसेना को साधने में लगे अमित शाह, कल उद्धव से मिलेंगे

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के शिवसेना को दिए ऑफर के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे. अमित शाह और उद्धव ठाकरे की मुलाकात कल शाम छह बजे उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री में होगी. पालघर लोकसभा उपचुनाव की वजह से बीजेपी और शिवसेना के बीच बढ़ती तल्खी और शरद पवार के बयान की वजह से ये बैठक काफी अहम है. पवार ने शिवसेना को दिया ये ऑफर महाराष्ट्र की गोंदिया भंडारा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार जोश में हैं. शरद पवार ने शिवसेना को साथ आने का ऑफर दिया है. उन्होंने कहा है कि पालघर के नतीजे के बाद बीजेपी विरोधियों को एक साथ होना चाहिए. बता दें कि पालघर में शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने थी, जिसमें बीजेपी को जीत मिली थी. शरद पवार ने कहा, ''पालघर में बीजेपी के खिलाफ शिवसेना, सीपीएम और हितेलक ठाकूर को ज्यादा वोट मिले. इसे देखते हुए पूरे विपक्ष को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए. जिस भी राज्य में जो भी दल बीजेपी को हराने में सक्षम हो उसे साथ मिलकर गठबंधन बनाना चाहिए. जो संविधान का सन्मान करते है और कॉमन प्रोग्राम का का सम्मान कर सकते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए.'' केंद्र सरकार पर हमला बोलते रहे हैं उद्धव बता दें कि शिवसेना महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार में है लेकिन समय समय पर पार्टी के नेताओँ के साथ खुद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते रहे हैं. हाल ही में उपचुनावों के दौरान उद्धव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तीखे हमले किए थे. चुनाव पूर्व शिवसेना से गठबंधन की कोशिश करें- फडणवीस कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र प्रदेश पदाधिकारी बैठक में आने वाले चुनावो में शिवसेना को साथ लेने की कोशिशों पर चर्चा हुई थी. देवेन्द्र फडणवीस ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि वह चुनाव पूर्व शिवसेना से गठबंधन की कोशिश करें. सूबे में अगले साल पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. महाराष्ट्र विधानसभा की स्थिति साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से बीजेपी ने 122, शिवसेना ने 60, कांग्रेस ने 42, एनसीपी ने 41 सीटें जीती थीं. इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग लड़े थे. क्योंकि चुनाव से पहले शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. हालांकि बाद में बीजेपी ने शिवसेना से गठबंधन करके राज्य में अपनी सरकार बना ली थी. वहीं, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी और शिवसेना ने 42 सीटें जीती थीं. ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी शिवसेना से सभी मतभेदों को दूर करना चाहेगी. क्योंकि हाल के उपचुनाव में बीजेपी को विपक्ष से कड़ी टक्कर मिली है. आज चुनाव आयोग जाएगी कांग्रेस पालघर लोकसभा सीट के नतीजों को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएगी. कांग्रेस नेता पालघर के परिणामों को चुनाव से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विवादित वायरल बयान को लेकर शिकायत करेंगे. कांग्रेस नेता आज सुबह 11 बजे चुनाव आयोग जा सकते हैं.

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