Tag Archives: जानिए कैसे

MS Dhoni के रिटायरमेंट ने भी बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानिए कैसे

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपने शानदार क्रिकेट करियर में कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। 39 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धौनी की रिकॉर्ड तोड़ने की होड़ उनके अंतरराष्ट्रीय संन्यास के बाद भी जारी है। यहां तक कि उनके रिटायरमेंट …

Read More »

नींद पूरी न होने पर सेहत ही नहीं बल्कि सुंदरता पर भी पड़ता है गहरा असर, जानिए कैसे….

आप भले ही अपनी स्किन का ख्याल रखने के लिए कितने भी जतन कर लें लेकिन अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले रही हैं तो आपकी स्किन हेल्दी व ग्लोइंग नहीं बन सकती। दरअसल, जब आप सोती हैं, उस समय …

Read More »

अगर आप का भी आधार खो गया है, तो आसानी से रीप्रिंट करें, जानिए कैसे

अगर किसी यूजर का आधार कार्ड खो गया है या कहीं गलत जगह पहुंच गया है तो वह नए आधार कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है आधार कार्ड आज के समय में भारतीय नागरिकों के लिए बहुत उपयोगी …

Read More »

न खरीदा न बेचा फिर भी सरकार को लगा दिया अरबों का चूना, जानिए कैसे

नकली पैन और आधार पर बनी फर्जी कंपनियों ने बिना व्यापार किए ही सरकार से अरबों रुपये की वसूली कर ली। ये कंपनियां कागज पर खरीद-फरोख्त करके सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के नाम पर अरबों रुपये लेकर फुर्र …

Read More »

इस तरह होगी निक प्रियंका की शानदार एंट्री, जानिए कैसे

बॉलीवुड एक्ट्रेस प्र‍ियंका चोपड़ा जल्‍द ही अपने मंगेतर निक जोनस के साथ शादी करने जा रही हैं जिसकी तैयारियां जोरों से चल रही हैं. जैसे जैसे शादी करीब आ रही है वैसे ही इनकी शादी से जुड़ी नई नई बातें सामने …

Read More »

महंगे नहीं मोटे अनाज से बनती है सेहत, जानिए कैसे

बदली परिस्थितियों में जमीन 'जहरीली' हो रही तो फसलें भी। रासायनिक उर्वरकों के बेतहाशा उपयोग ने खेती की जो दुर्दशा की है, उससे सभी विज्ञ हैं। हालांकि, जो पैदावार हो रही, वह मात्रात्मक रूप में अधिक जरूर है, मगर गुणवत्ता में बेदम। सूरतेहाल, ऐसा अन्न खाने से सेहत पर असर तो पड़ेगा ही और यही मौजूदा दौर की सबसे बड़ी चिंता भी है। इस सबको देखते हुए थाली में बदलाव व विविधता लाना समय की मांग है। इस लिहाज से देखें तो उत्तराखंड की 'बारानाजा' फसलें इसी बदलाव का प्रतिबिंब हैं, जो पौष्टिकता के साथ औषधीय गुणों से भी लबरेज हैं। कृषि पैदावार बढ़ाने को जिस तरह रासायनिक उर्वरकों का उपयोग हो रहा है, उससे भूमि की उर्वरा शक्ति पर असर पड़ा तो फसलों पर भी। परिणाम तमाम रोगों के तौर पर सामने आ रहा है। ऐसे में पौष्टिक और औषधीय गुणों से लबरेज अन्न मिल जाए तो कहने ही क्या। उत्तराखंड की 'बारानाजा' फसल पद्धति में वह सब मिलता है, जिसकी आज दरकार है। भले ही यहां के पहाड़ी क्षेत्र में सदियों से चलन में मौजूद इस पद्धति से पैदावार कम हो, लेकिन पौष्टिकता के मामले में इनका कोई सानी नहीं है। –– ADVERTISEMENT –– यहां दस घंटे बंद रही लाइफ लाइन, गाड़ियों में बिताई रात यह भी पढ़ें यह है बारानाजा पद्धति विषम भूगोल वाले उत्तराखंड की जलवायु और भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्र के लोगों ने सदियों पहले गेहूं एवं धान की मुख्य फसल के साथ ही विविधताभरी बारानाजा पद्धति को महत्व दिया। मंडुवा व झंगोरा बारानाजा परिवार के मुख्य सदस्य हैं। इसके अलावा ज्वार, चौलाई, भट्ट, तिल, राजमा, उड़़द, गहथ, नौरंगी, कुट्टू, लोबिया, तोर आदि इसकी सहयोगी फसलें हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो बारानाजा मिश्रित खेती का श्रेष्ठ उदाहरण है और यह फसलें पूरी तरह से जैविक भी हैं। इसमें एक साथ बारह फसलें उगाकर पौष्टिक भोजन की जरूरत पूरी करने के साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने की क्षमता भी है।

बदली परिस्थितियों में जमीन ‘जहरीली’ हो रही तो फसलें भी। रासायनिक उर्वरकों के बेतहाशा उपयोग ने खेती की जो दुर्दशा की है, उससे सभी विज्ञ हैं। हालांकि, जो पैदावार हो रही, वह मात्रात्मक रूप में अधिक जरूर है, मगर गुणवत्ता …

Read More »

रुपये के गिरने से आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर, जानिए कैसे

रुपये के गिरने से आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर, जानिए कैसे

डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से मोबाइल फोन निर्माता कंपनियां और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु बनाने वाली कंपनियां चिंतित हैं. ऐसे में ये कंपनियां आने वाले समय में अपने प्रोडक्ट के दामों में इजाफा कर सकती हैं. बढ़ती लागत को लेकर …

Read More »

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com