रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के पास पर्याप्त बुनियादी ढांचा और अन्य तकनीकी सुविधाएं नहीं थीं, जिसकी वजह से सरकार ने सिर्फ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे.
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने साल 2015 में फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी, जबकि पहले कांग्रेस सरकार ने 126 विमान लाने के लिए डील किया था.
सीतारमण ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को एक इंटरव्यू में बताया, ‘जब भी कोई नया स्क्वाड्रन (18 विमानों का बेड़ा) शामिल होता है, तो काफी अन्य साजो-सामान की भी जरूरत होती है.’
उन्होंने कहा, ‘एयर फोर्स के टेक्निकल विवरण से आपको पता चलेगा कि अगर इमरजेंसी हो तो हमेशा सिर्फ दो स्क्वाड्रन शामिल किए जाते हैं, उससे ज्यादा नहीं. इससे यह बात वाजिब हो जाती है कि हमने सिर्फ दो के लिए हामी क्यों भरी. तैयार, फ्लाइवे कंडिशन के विमानों को आप शामिल कर सकते हैं, अन्यथा आपको अन्य साजो-सामान पर काफी खर्च करना पड़ता है.’
रक्षा मंत्री से जब यह सवाल किया गया कि उन्होंने राफेल सौदे की कीमत बताने का वादा किया था, तो उन्होंने कहा कि वे सिर्फ इस विमान के बेसिक कीमत (670 करोड़ रुपये) की बात कर रही थीं, जिसके बारे में संसद में भी बताया गया था.
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