मजदूर छात्रावास के नीचे सोये थे, भोर में हुआ हादसा
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में मंगलवार तड़के अधिग्रहित जर्जर गोयनका छात्रावास अचानक गिर गया। हादसे में मलबे में 09 मजदूर दब गये। आनन-फानन में सभी को कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने दो मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। वहीं 06 मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई। एक मजदूर की हालत गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में हादसे की जानकारी पाते ही प्रशासनिक अफसर भी मौके पर पहुंच गये। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए ललिता घाट स्थित अधिग्रहित जर्जर गोयनका छात्रावास के नीचे सोमवार की रात मजदूर सो रहे थे। रात में छात्रावास का जर्जर हिस्सा अचानक भहरा कर गिरने से उसके मलबे में नीचे सोये 9 मजदूर दब गए। मकान गिरने की आवाज और मजूदरों की चीख पुकार सुन कॉरिडोर में तैनात सुरक्षा कर्मी वहां पहुंच गये।
सुरक्षा कर्मियों ने सभी को मलबे के नीचे से बाहर निकाल कर तत्काल मंडलीय अस्पताल पहुंचाया। जहां पश्चिम बंगाल के मालदा जिला निवासी अब्दुल मोमिन(25) और अमीनुल मोमिन(45) को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं मामूली रूप से जख्मी इमरान, आरिफ मोमिन, शाहिद अख्तर, सकीउल मोमिन और दो अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। गंभीर रूप से घायल अब्दुल जब्बार नामक मजदूर को अस्पताल में भर्ती कर इलाज चल रहा है। हादसे की जानकारी पर एनडीआरएफ की टीम भोर में ही वहां पहुंच कर बचाव कार्य में जुट गई। मौके पर पहुंचे पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ,कमिश्नर दीपक अग्रवाल और अन्य अफसरों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद मंडलीय चिकित्सालय पहुंचकर घायलों से मिल घटना की जानकारी ली। सभी मजदूर कॉरिडोर निर्माण कार्य में लगे हुए थे। अफसरों के अनुसार हादसे में दो मजदूरों की मौत हुई है और सात मजदूर घायल हुए है।
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