
कानपुर। क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गये नाइजीरियन ठग से पूछताछ में नित नये खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासा यह कि मोसिस ठगी के पैसों से पत्नी के लिए आनलाइन कीमती सामान आर्डर करके भेजता रहता था। जिसे पत्नी बेच देती है। बेचकर जो पैसे मिलते उसे फिर से मोसिस के खाते में डाल देती थी। मोसिस के पास पत्नी द्वारा भेजे गये सामान की लिस्ट भी मोबाइल डेटा से पुलिस को मिली है।
भारत से ठगी करके जमा की गई रकम को नाइजीरिया शिफ्ट करने में भी कोई परेशानी नहीं होती थी। पुलिस अब पत्नी और उसके गैंग में शामिल चार अन्य ठगों का भी एफआईआर में नाम बढ़ाएगी। भारत से ठगी की रकम से लाखों रुपए के उत्पाद नामी कंपनियों से ऑनलाइन खरीदकर मोसिस भेज चुका है। इससे आसानी से उसने ठगी के लाखों रुपए को नाइजीरिया पहुंचा दिया। पुलिस उसके खातों, कॉल डिटेल समेत अन्य जांच करके पूरे गिरोह का खुलासा करेगी।
क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया है कि शातिर नाइजीरियन ने काफी संख्या में लोगों को ठगा है उनकी संख्या इतनी है कि उसे खुद भी याद नहीं है। उसके खातें की जांच करके संख्या पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल छह महीने के भीतर करीब 80 लाख का ट्रांजेक्शन सामने आया है। इसके साथ ही उसके लैपटॉप, पेन ड्राइव और मिले दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। पुलिस 2019 में इनके वीजा के एक्सपायर होकर अवैध रूप से रहने के मामले में भी इन पर एफआईआर लिखेगी। ठगी गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस छापेमारी करने में जुटी हुई है।
यह है पूरा मामला
युवतियों से पहले फेसबुक और इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर लेना और इसके बाद उनसे वाट्सएप नंबर लेकर चैटिंग करना। फिर महंगा गिफ्ट भेजना और उसके बाद उस गिफ्ट पर कस्टम ड्यूटी के नाम पर अपने एकाउंट में रुपये डलवा लेना। फिर न दोस्त का पता और न ही उसके भेजे गिफ्ट का। कुछ यही काम करते हुए कई युवतियों को ठगी का शिकार बनाने वाला नाइजीरियन युवक पुलिस के हत्थे चढ़ गया। नवाबगंज थाने में लिखे गये मुकदमें की जांच काल डिटेल व अन्य रिकार्ड के आधार पर क्राइम ब्रांच ने अभियुक्त ओकुवारिमा मोसिस को गिरफ्तार किया। जो कि मूलरूप से नाइजीरिया का रहने वाला है और वर्तमान में महावीर नगर नई दिल्ली में रह रहा।
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