
लखनऊ। रेलवे अस्पतालों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल से आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण (लैस) करने की योजना तैयार हो गई है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने लखनऊ सहित सभी जोनल रेलवे से 19 अप्रैल तक प्रस्ताव भेजने को कहा है।
रेलवे प्रशासन निजी अस्पताल की तर्ज पर कर्मचारियों को रेलवे अस्पतालों में उपचार की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। साथ ही रेलवे के अस्पतालों में बाहरी रोगियों का भी उपचार हो सकेगा। रेलवे बोर्ड ने रेलवे अस्पतालों को पीपीपी मॉडल पर आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण करने की योजना बनायी है। इसके लिए लखनऊ सहित सभी जोनल रेलवे से 19 अप्रैल तक प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को बेहतर सुविधा के लिए ई-टिकट, खाने की व्यवस्था निजी कंपनियों को दी है। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल रही और रेलवे की आय में भी वृद्धि हुई है। इसी तर्ज पर अब रेलवे अस्पतालों में बदलाव की तैयारी है। फिलहाल रेलवे के अस्पतालों में चिकित्सकों और आधुनिक उपकरणों की कमी है।
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. के. श्रीधर ने पत्र जारी कर सभी जोनल रेलवे के अधिकारियों से कहा है कि उनके क्षेत्र के किन-किन अस्पतालों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा सकता है, इसका प्रस्ताव 19 अप्रैल तक रेलवे बोर्ड को भेजा जाए। प्रस्ताव में वर्तमान में प्रस्तावित अस्पताल में इलाज के लिए क्या उपकरण हैं, उसकी क्या स्थिति है और चिकित्सक एवं अन्य कर्मचारियों की स्थिति की भी जानकारी दी जाएगी।
लखनऊ मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि रेलवे अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी चल रही है। ताकि आने वाले दिनों में रोगियों को बेहतर उपचार की सुविधा मिल सके। पीपीपी माॅडल पर अस्पतालों में सरकार और निजी साझेदारी में सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
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