मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। अयोध्या स्थित श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर कानून बना कर मंदिर बनाने को लेकर अनशन कर रहे साधु परमहंस दास को पुलिस के बल पर रात को उठा कर पीजीआई में भर्ती कर दिया गया।
मंगलवार को पीजीआई में उनसे मिलने गए विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया को मिलने नहीं दिया गया। नाराज होकर वहां से लौटे डॉ तोगड़िया ने दोका सामना से बताया कि सत्ता में बैठे हुए महंत ने संवैधानिक तरीके से राममंदिर निर्माण की मांग करने वाले महंथ को अनशन स्थल से पुलिस के बल पर उठवा लिया।
उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं बताया जा रहा है, इस लिए मैं मिलकर उनको देखने आया था, लेकिन मुझे उनसे मिलने नहीं दिया गया। मैं एक कैंसर सर्जन डॉक्टर हूँ उनको अच्छी तरह देख लेता। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार क्या छिपाना चाह रही है।उनको मारा-पीटा गया है, पैर तोड़ दिया गया है या मार डालने की धमकी दी गई है।32 सालों से मोदी-योगी और तोगड़िया श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए संवैधानिक तरीके से मंदिर बनाने की बात कर रहे थे, आज अयोध्या का एक साधु जब संवैधानिक तरीके से वही मांग कर रहा है तो पुलिस लखनऊ उठा लाती है।आज आप अयोध्या के साधु के शत्रु हो गए, ये रामभक्तों की सरकार है क्या? श्रीराम के साथ जाने के बजाय आप बाबर के साथ चले गये।21 ओक्टुबर को रमाबाई अम्बेडकर मैदान में देश भर से आये लाखों रामभक्त इकठ्ठा होंगे और वहीं से राममंदिर निर्माण की मांग को लेकर अयोध्या कूच करेंगे।
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