धार्मिक संगठनों, पंचायतों और अन्य समूहों को फतवा जारी करने का मामला
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखड हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमे कहा गया था कि उत्तराखंड में सभी धार्मिक संगठनों, पंचायतों और अन्य समूहों को फतवे जारी करने की अनुमति नहीं है । हाईकोर्ट के आदेश को जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पिछले 30 अगस्त को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक रेप पीड़िता के खिलाफ जारी किए गए फतवे को गैर कानूनी करार देते हुए प्रदेश के सभी फतवों को असंवैधानिक बताया है। हाईकोर्ट ने कहा था कि यह सांविधिक अधिकारों, मौलिक अधिकारों, गरिमा, सम्मान और नागरिकों के कर्तव्यों के खिलाफ है।
उत्तराखंड के लक्सर में पंचायत ने एक रेप पी़ड़िता के परिवार को गांव से निकालने का फतवा जारी किया था। इस घटना की खबर एक अखबार में छपी थी। इसी खबर के आधार पर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ये फतवा देश की कानून की भावना के खिलाफ है। हाईकोर्ट ने कहा कि रेप पीड़िता से सहानुभूति दिखाने की बजाय पंचायत ने उस परिवार को ही बाहर निकालने का फतवा जारी कर दिया।
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