लखनऊ/मथुरा। सरकारी कार्य में लापरवाही को लेकर सख्त योगी सरकार ने फिर एक बार बड़ी कार्रवाई की है। मथुरा में रविवार को मथुरा पेयजल पुनर्गठन योजना थ्रू गोकुल बैराज पार्ट-1 के अन्तर्गत कृष्णा विहार कॉलोनी, मथुरा में 2500 किली./20 मीटर क्षमता वाली पानी की टंकी के क्षतिग्रस्त होकर गिरने की घटना को सीएम योगी ने गंभीरता से लिया है। सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा सोमवार को दोषी अधिकारियों व अनुबन्धित फर्मों के विरूद्ध सख्त एक्शन लिया गया है। साथ ही मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी गठित की गई है।
तीन फर्मों पर एफआईआर
उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा तीन फर्मों (मे० एसएम कान्स्ट्रक्शन, मे० बनवारी और मे० त्रिलोक सिंह रावत) एवं अन्य कर्मियों के विरूद्ध कोतवाली, मथुरा में धारा 304 व 338 के अधीन एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके अतिरिक्त योजना पर तैनात सहायक अभियंता ललित मोहन, जूनियर इंजीनियर बीरेन्द्र पाल एवं रविन्द्र प्रताप सिंह को निलम्बित करते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त तत्कालीन सहायक अभियंता दिव्यांशु कुमार सिंह के विरूद्ध अनुशासनिक जांच के निर्देश दिए गए हैं।
जांच समिति का गठन
मामले में अधिशासी अभियंता महराज सिंह, कुमकुम गंगवार, दयानन्द शर्मा एवं तत्कालीन सहायक अभियंता राम प्रकाश यादव पर प्रशासनिक नियंत्रण उ०प्र० जल निगम (ग्रामीण) का होने के कारण इनके विरूद्ध तत्काल नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए प्रबंध निदेशक, उ०प्र० जल निगम (ग्रामीण) को पत्र लिखा गया है। इसके अतिरिक्त प्रकरण में तकनीकी कमियों की जांच के लिए मुख्य अभियंता (गाजियाबाद क्षेत्र), उ०प्र० जल निगम (नगरीय), गाजियाबाद की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन भी किया गया है। जांच समिति घटना की जांच के लिए आईआईटी दिल्ली या आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से सहयोग प्राप्त कर आख्या उपलब्ध कराएगी।
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