लखनऊ : उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि राज्य में इससे पहले की सरकारों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काफी ढीला रवैया रहा है, लेकिन वर्तमान की उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जहां मशीनें होती थी वहां टेक्नीशियन नहीं होते थे और जहां टेक्नीशियन होते थे, वहां मशीनें नदारद रहती थीं। वह केजीएमयू के कलाम सेंटर में इमरजेंसी क्राइसेस मैनेजमेंट सॉल्यूशन एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 22 अक्टूबर 2018 से 27 अक्टूबर 2018 तक आयोजित किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों से आए 75 चिकित्सकों को आपदा के प्रबन्धन एवं उसके समाधान का प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. रीता जोशी ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक अनुभव पहल है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम का राज्य में पहली बार आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा अगर एक जिंदगी भी बचाई जा सकती है तो यह बड़ी बात है। साथ ही उन्होंने टेक्नीशियन, एम्बुलेंस के ड्राईवर एवं उनके साथ उपस्थित सहायकों के लिए भी ऐसे ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने की वकालत की। इस कार्यक्रम का संयोजन डॉ. नीतिन चावला, डॉ. अंकिता राय चावला ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर एस.एन.शंखवार एंव डॉ. अजय सिंह भी उपस्थित रहे।
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