अभाविप द्वारा आयोजित ‛मिशन साहसी’ महाअभियान का समापन
लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के शिवाजी खेल मैदान में मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा आयोजित ‛मिशन साहसी’ महाअभियान का समापन हुआ। प्रतिभागियों व प्रशिक्षकों को परिषद ने प्रमाणपत्र भी प्रदान किया। अभाविप के इस अभियान का उद्देश्य है कि बेटियां शोहदों से डरें नहीं, बल्कि उनसे फाइट करें। मनचलों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा और अपने समक्ष आ रही चुनौतियों का डटकर प्रतिकार करना होगा। यह पूरा कार्यक्रम श्तन-मन से मजबूत बनेगी हर बेटी अब भारत की, शक्तिकरण का दूत बनेगी हर बेटी अब भारत कीश् जैसे अद्भुत ध्येय वाक्य पर आधारित रहा।
मुख्य अतिथि अर्जुन अवार्ड से पुरस्कृत रचना गोविल (कार्यकारी निदेशक सांई, लखनऊ) ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि चुनौतियों से जूझना होगा। नारियों व बेटियों को घरों में कैद करने के दिन लद गये। समय बदल रहा है। देश-दुनिया को अपनी शक्ति से परिचित कराना होगा। शोहदों के सामने गिड़गिड़ाने के बजाय उनके खिलाफ फाइट करनी होगी। रचना गोविल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद का यह प्रयास सराहनीय है। इस तरह के कार्यक्रमों की आवश्यकता है, ताकि निर्भीक समाज का निर्माण किया जा सके।
विशिष्ट अतिथि महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि भारतीय नारी शालीनता व संस्कार के लिये जानी जाती हैं। सृष्टि को संवारने की जिम्मेदारी नारियों के ही कंधों पर है। 21वीं सदी में बेटियों ने अपना परचम लहराया है। महापौर ने कहा कि हमारे यहां नारियों को किसी भी प्रकार की यातनाएं नहीं दी गयीं। गुलामी के दौर में नारियों को घरों में बंद रखने की प्रथा का चलन बढ़ा, लेकिन अब नारियों को डरने की जरूरत नहीं है। परिषद का यह मिशन साहसी आयोजन बेटियों के आत्मबल को बढ़ाने के लिये शानदार कार्यक्रम रहा। उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी। लक्ष्मीबाई, जीजाबाई की तरह ही स्वयं को सिद्ध करना होगा।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal