स्पेन और पुर्तगाल में सोमवार अचानक आई भीषण बिजली कटौती ने दोनों देशों को झकझोर कर रख दिया. राजधानी मैड्रिड, बार्सिलोना, लिस्बन और सेविल जैसे मेन शहरों में ट्रैफिक लाइट्स बंद हो गईं, ट्रेनें रुक गईं, एयरपोर्ट पर संचालन प्रभावित हो गया और यहां तक कि मैड्रिड ओपन टेनिस टूर्नामेंट भी बाधित हो गया.
यह पावर आउटेज सुबह 11:33 बजे (वेस्टर्न यूरोपियन समर टाइम) शुरू हुआ और कुछ ही समय में पूरे इबेरियन प्रायद्वीप और दक्षिण-पश्चिम फ्रांस के हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया. स्पेन की बिजली वितरण संस्था Red Eléctrica de España (REE) ने इसे “El Cero” यानी ‘शून्य’ नाम दिया यानी पूरे नेटवर्क का अचानक डाउन हो जाना.
अचानक 6 करोड़ की आबादी हुई प्रभावित
इस संकट ने करीब 6 करोड़ की आबादी वाले इन दोनों देशों में आपातकालीन बैठकें बुलाने को मजबूर कर दिया. बिजली की आपूर्ति ठप होने से कार्यालय, परिवहन, ट्रैफिक सिस्टम और पब्लिक सर्विसेज पूरी तरह ठप हो गई.
क्या है रहस्य?
हालांकि पावर ग्रिड ऑपरेटर्स ने तेजी से बहाली का काम शुरू कर दिया, लेकिन बिजली कटौती का वास्तविक कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है. पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो ने बताया कि यह समस्या स्पेन से शुरू हुई और एक “दुर्लभ वायुमंडलीय घटना” इसके पीछे हो सकती है. इस घटना के कारण तापमान में अत्यधिक उतार-चढ़ाव हुआ, जिससे 400 kV की हाई वोल्टेज लाइनें प्रभावित हुईं.
पुर्तगाल की ग्रिड ऑपरेटर ने इसे “induced atmospheric vibration” बताया, जिसकी वजह से पूरे यूरोपीय नेटवर्क में तकनीकी असंतुलन और सिंक्रोनाइजेशन फेलियर हुआ.
क्या यह साइबर अटैक था?
यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने साइबर अटैक की संभावना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो इसे जानबूझकर की गई साजिश साबित करे.
क्या इंटरनेशनल कनेक्शन बना कारण?
विशेषज्ञों के अनुसार, इंटरनेशनल ग्रिड कनेक्शन जहां एक ओर क्लीन एनर्जी के साझा उपयोग को संभव बनाते हैं, वहीं ये पूरे नेटवर्क को भी संवेदनशील बना देते हैं. हालांकि इसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के कारण बिजली बहाल करने में आसानी भी होती है.
61 परसेंट हुई बिजली सप्लाई
सोमवार देर शाम तक स्पेन की नेशनल ग्रिड ने बताया कि करीब 61% बिजली सप्लाई बहाल हो चुकी है. पुर्तगाल में भी लिस्बन समेत कई हिस्सों में बिजली लौट आई है. REN के अनुसार 89 में से 85 सबस्टेशन फिर से काम कर रहे हैं.
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि आधुनिक ऊर्जा नेटवर्क कितने संवेदनशील हो सकते हैं और इनकी सुरक्षा और स्थिरता के लिए वैश्विक स्तर पर ठोस रणनीति बनाना अब बेहद जरूरी है.