भारत ने यूएन में खोली ‘आतंकिस्तान’ की पोल

शाश्वत तिवारी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने एकजुटता दिखाई है, वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस का सबूत है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने तथा निराधार आरोप लगाने के लिए उसके प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की। उन्होंने पाकिस्तान को आतंक को पनाह देने वाला ‘दुष्ट राष्ट्र’ बताया है, जो पूरे क्षेत्र को अस्थिर करता है।
यूएन के आतंकवाद रोधी कार्यालय में आयोजित हुए ‘विक्टिम ऑफ टेरेरिज्म एसोसिएशन नेटवर्क’ कार्यक्रम में बोलते हुए पटेल ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से वैश्विक समुदाय ने भारत का समर्थन किया, हम उसकी सराहना करते हैं। उन्होंने कहा पहलगाम आतंकी हमला, 26/11 के मुंबई हमले के बाद आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है। भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद का पीड़ित रहा है और हम अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि आतंकी घटनाओं का पीड़ितों, परिवारों और समाज पर क्या असर होता है।
योजना पटेल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस हालिया इंटरव्यू का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात स्वीकारी है। पटेल ने कहा कि अगर मंत्री खुद कबूल रहे हैं तो फिर ये बताने की जरूरत नहीं है कि वहां क्या हो रहा है। ये पाकिस्तान के खुद बेनकाब हो जाने जैसा है। उन्होंने कहा ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रशिक्षण देने और उसे वित्तपोषित करने का इतिहास रखता है। इससे पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश के रूप में उजागर हुआ है। दुनिया अब इस खतरे से और आंखें नहीं मूंद सकती है।
बीते सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी बयान जारी कर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी और कहा था कि हमले के जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जाए और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।

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