बांग्लादेश में समाज के दुश्मनों ने मददगार बुजुर्ग के घोड़े की हत्या की

ढाका : बांग्लादेश के समाचार पत्रों और न्यूज वेबसाइट में आज एक घोड़े की हत्या की सुर्खी चर्चा के केंद्र में है। यह घोड़ा इसलिए खास है कि इसके मालिक 67 वर्षीय मनु मिया खुद अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। मनु मिया ने अब तक देश के 3,057 लोगों को सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए कब्र खोदी हैं। और इसके लिए किसी से एक टका भी नहीं लिया और न ही अन्य कोई सहायता स्वीकार की। समाज के खातिर अपना खेत बेचकर घोड़ा खरीदा और वह उनके इस कार्य में सदैव हमराह रहा।

द डेली स्टार अखबार की खबर के अनुसार, मनु मिया किसी की भी मौत की खबर सुनते ही अपने प्रिय घोड़े पर सवार होकर जरूरी औजारों के साथ कब्रिस्तान की ओर दौड़ पड़ते थे। अनजान लोगों की अंतिम यात्रा में किसी खास साथी की तरह मदद के लिए सच्चे हाथ आगे बढ़ाते रहे हैं। उन्होंने अपने 50 साल के जीवन में अब तक 3,057 कब्रें खोदी हैं। इसके लिए कभी किसी कुछ नहीं लिया। हां, डायरी में जरूर हर उस व्यक्ति का नाम, पता और समय दर्ज किया , जिसे उन्होंने दफनाया।

दूरदराज के इलाकों में जल्दी पहुंचने के लिए मनु मिया ने कई साल पहले अपने धान के खेत बेचकर एक घोड़ा खरीदा। वे अपने सारे औजार और उपकरण इसी घोड़े पर लादकर ले जाते थे। गांव-गांव दौड़ते हुए निस्वार्थ सेवा करते थे। ऐसा लगता था मानो घोड़े ने उनकी उम्र की बाधा को पार करके उन्हें सक्रिय रखा हो।

मनु मिया के शरीर में जटिल बीमारियों ने जड़ें जमा ली हैं। कुछ समय पहले वे बिस्तर पर पड़ गए और 14 मई को राजधानी ढाका के धानमंडी में बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हुए। यही वह नाजुक समय है जब उनका प्रिय घोड़ा बर्बरता का शिकार हुआ। घर पर मनु मिया और उनकी पत्नी रहीमा बेगम की अनुपस्थिति में घोड़ा अभिभावक विहीन हो गया। शुक्रवार सुबह स्थानीय लोगों ने किशोरगंज के पड़ोसी मिथामोइन उपजिला के हाशिमपुर छत्रिस गांव में एक मदरसे के बगल में एक जलाशय में घोड़े का शव पड़ा देखा। मनु मिया के प्रिय घोड़े की हत्या कर दी गई।

बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचाराधीन मनु मिया की शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए उनकी पत्नी और रिश्तेदारों ने घोड़े की हत्या की खबर उनसे छुपाई हुई है। मारे गए घोड़े की पहचान करने वाले मनु मिया के पड़ोसी एसएम रिजन ने बताया कि हाशिमपुर छत्रियों गांव में किसी ने मनु मिया के घोड़े की छाती में धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी।

वह कहते हैं कि मनु मिया ने पूरी जिंदगी लोगों के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया। आज उनकी अनुपस्थिति में बदमाशों ने उनके प्यारे घोड़े की इस तरह हत्या कर दी। यह बहुत निंदनीय कृत्य है। इस अपराध को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। मनु मिया की पत्नी रहीमा ने कहा कि उनकी हालत ठीक नहीं है। अल्लाह की कृपा से ही वह ठीक हो सकते हैं। मुझे पता था कि लोग उनसे प्यार करते हैं। लोग उसके प्यारे घोड़े को इतनी बुरी हालत में कैसे मार सकते हैं? अगर हम उन्हें यह खबर देते तो वह बर्दाश्त नहीं कर पाते। किशोरगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशासन एवं वित्त) मुकीत सरकार ने कहा कि मीठामोईन थाने के प्रभारी को इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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