प्रधानमंत्री मोदी का साइप्रस में जोरदार स्वागत, दोनों देशों के सीईओ फोरम की बैठक में की भारत के सुधार पथ पर बात

निकोसिया (साइप्रस) : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइप्रस की दो दिवसीय (15-16 जून) आधिकारिक यात्रा पर पहुंच चुके हैं। यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया। भारतीय समुदाय ने भी उनसे मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर पर खुशी जताई। उन्होंने साइप्रस के लिमासोल में भारत-साइप्रस सीईओ फोरम की बैठक को संबोधित किया। भारत-साइप्रस सीईओ फोरम की बैठक पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ” राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और मैंने भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए अग्रणी सीईओ के साथ बातचीत की। नवाचार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। मैंने पिछले दशक में भारत के सुधार पथ के बारे में भी बात की। भारत, साइप्रस के साथ दोस्ती को और गहरा करने के लिए तत्पर है।”

जल्द ही होंगे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

भारतीय समुदाय से मुलाकात पर प्रधानमंत्री मोदी अन्य पोस्ट में लिखा,” मैं भारतीय समुदाय को इस स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं। भारत आने वाले समय में साइप्रस के साथ संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए काम करता रहेगा।” प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-साइप्रस सीईओ फोरम में कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आज, भारत के पास एक स्पष्ट नीति है।

डिजिटल परिवर्तन भारत के लिए गेम चेंजर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने महत्वपूर्ण डिजिटल क्रांति का अनुभव किया है। इसमें दुनिया भर में 50 फीसद डिजिटल लेनदेन यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआी) के माध्यम से हो रहे हैं। यह डिजिटल परिवर्तन भारत के लिए गेम चेंजर रहा। इसने वित्तीय समावेशन और नवाचार को बढ़ावा दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह छह दशक बाद हुआ है कि लगातार तीसरी बार एक ही सरकार चुनी गई है। पिछले 10 साल में डिजिटल क्रांति हुई है। प्रधानमंत्री ने फ्रांस की तरह साइप्रस को भी यूपीआई में शामिल करने की बातचीत का स्वागत किया। उन्होंने भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और भविष्य के बुनियादी ढांचे के विकास पर भी चर्चा की। इस दौरान नए विनिर्माण मिशन, समुद्री और बंदरगाह विकास, जहाज निर्माण और तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन क्षेत्र का भी उल्लेख किया।

भारत में भविष्य के बुनियादी ढांचे के विकास में सालाना 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश

उन्होंने कहा कि भारत ने देश के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विनिर्माण मिशन शुरू किया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, अर्धचालक, जैव प्रौद्योगिकी और हरित विकास जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका उद्देश्य देश को अर्धचालक विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र बनाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम भारत में भविष्य के बुनियादी ढांचे के विकास में सालाना 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहे हैं। नवाचार भारत की आर्थिक शक्ति का मजबूत स्तंभ बन गया है। हमारे एक लाख से अधिक स्टार्टअप मात्र सपने नहीं,वरन समाधान बेचते हैं।”

आपसी व्यापार 150 मिलियन डॉलर

प्रधानमंत्री मोदी ने निवेशकों को भारत में सह-विकास, सह-डिजाइन और सह-उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “कई भारतीय कंपनियों ने साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में भी देखा है। आज आपसी व्यापार 150 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। हमारे संबंधों की वास्तविक क्षमता इससे कहीं अधिक है। आप में से अधिकांश भारत से जुड़े हुए हैं।” उन्होंने कहा कि कर सुधारों और कई कानूनों को अपराधमुक्त करने के बाद सरकार ने कारोबार करने में आसानी को महत्व दिया है। कर सुधार भी किए हैं। जीएसटी के साथ एक राष्ट्र, एक कर प्रणाली शुरू की गई है। कॉरपोरेट टैक्स बनाया गया है। आज भारत के पास स्पष्ट नीति है। इसके साथ ही स्थिर नीति भी है।”

स्वच्छ और हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त

उल्लेखनीय है कि 23 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री साइप्रस पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री का पहला कार्यक्रम बिजनेस राउंड टेबल पर केंद्रित है। यह इस बात का संकेत है कि भारत और साइप्रस के रिश्तों में आर्थिक जगत से लोगों का जुड़ाव कितना महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत आर्थिक संबंध बनाने के लिए साइप्रस की प्रतिबद्धता को समझता है। मुझे भारत-साइप्रस आर्थिक संबंधों के लिए आपकी प्रतिबद्धता का एहसास है। नागरिक उड्डयन और स्टार्ट-अप क्षेत्रों में भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, जिसमें सैकड़ों यूनिकॉर्न हैं। भारतीय कंपनियों ने 1,000 से अधिक विमानों के लिए नए ऑर्डर दिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” हम स्वच्छ और हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 2030 तक हम 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य की ओर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हरित शिपिंग का विकास 2030 तक हो जाएगा। रेलवे को 100 प्रतिशत कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।

साइप्रस से जाएंगे कनाडा, जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिवसीय (16-17 जून) आधिकारिक यात्रा का दूसरा अहम पड़ाव कनाडा होगा। वो कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन कनाडा के कनानास्किस में होना है। यह जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की लगातार छठी भागीदारी होगी। शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री जी-7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित आउटरीच देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा गठजोड़ और क्वांटम से संबंधित मुद्दों सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी 18 जून को क्रोएशिया में

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यात्रा के अंतिम चरण में क्रोएशिया गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर 18 जून को वहां पहुंचेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री अपने समकक्ष प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और क्रोएशिया के राष्ट्रपति महामहिम जोरान मिलनोविच से मिलेंगे। क्रोएशिया की यह यात्रा यूरोपीय संघ में भागीदारों के साथ संबंध को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी।

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