कीव : यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने देश की संसद ‘वेरखोव्ना राडा’ से पारित राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एनएबीयू) और विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अभियोजक कार्यालय (एसएपीओ) की शक्तियों में कटौती करने वाले विधेयक पर बीते कल हस्ताक्षर कर दिए। यूक्रेन के लोग ‘वेरखोव्ना राडा’ के विधेयक पारित करने से खफा हैं। देश में दूसरे दिन भी जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।
यूक्रेन के सूचना विभाग की समाचार एजेंसी ‘यूक्रेनफॉर्म’ ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को भेजे गए आधिकारिक ई-मेल में यह जानकारी दी। राष्ट्रपति के दस्तखत होने के साथ ही एनएबीयू और एसएपीओ से जुड़े इस विधेयक ने अब कानूनी शक्ल अख्तियार कर ली। इसका मकसद मार्शल लॉ के दौरान विशेष परिस्थितियों में व्यक्तियों के लापता होने पर होने वाली जांच में इन दोनों निकायों की शक्तियों और आजादी पर अंकुश लगाना है।
एनएबीयू और एसएपीओ की शक्तियों को कम करने वाले कानून को संसद के आधिकारिक समाचार पत्र ‘होलोस यूक्रेनी’ में अधिसूचित किया गया है। यह कानून मार्शल लॉ के दौरान विशेष परिस्थितियों में व्यक्तियों के लापता होने से संबंधित घटनाओं की पूर्व परीक्षण जांच की विशिष्टता के संबंध में यूक्रेन की दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधनों के कार्यान्वयन पर जोर देता है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अब यूक्रेन का भ्रष्टाचार विरोधी ढांचा रूसी प्रभाव के बिना भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि एनएबीयू के निदेशक सेमेन क्रिवोनोस, एसएपीओ के अभियोजक ओलेक्सांद्र क्लिमेंको, अभियोजक जनरल रुस्लान क्रावचेंको और यूक्रेन की सुरक्षा सेवा के प्रमुख वासिल मालियुक से बात की है। हमने विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की। सबने माना ऐसा करना जरूरी था। उन्होंने साफ किया कि इसका मतलब यह नहीं कि एनएबीयू और एसएपीओ को समाप्त कर दिया जाएगा। दोनों काम करते रहेंगे।
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